उदयपुर। विश्वविख्यात उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के 9वें संस्करण का दूसरा दिन शनिवार बर्ड वॉचिंग के नाम रहा। इस दौरान जिले के ख्यात पक्षी विशेषज्ञों के नेतृत्व में पक्षी प्रेमियों ने बर्ड वॉचिंग की और परिंदों की रंगीन दुनिया को करीब से निहारा।
बर्ड फेस्टिवल संयोजक व उप वन संरक्षक (वन्य जीव) अजय चित्तौड़ा ने बताया कि शनिवार को जिले व आसपास के जिलों से लगे 5 रूटों पर टीम लीडर पक्षी विशेषज्ञ देवेन्द्र मिस्त्री, विनय दवे, शरद अग्रवाल, अनिल रोर्जस, उज्जवल दाधिच ने 300 से अधिक पक्षी प्रेमियों के साथ अलग-अलग जलाशयों का दौरा किया और यहां पर न केवल पक्षियों की जलक्रीड़ाओं का लुत्फ उठाया अपितु उनकी प्रजातियों और संख्या के बारे में भी जानकारी संकलित की। इस दौरान पहले रूट पर मेनार, बड़वई व किशन करेरी, दूसरे रूट पर उदयपुर, पीलादर, मकड़शाह, चावण्ड, तीसरे रूट पर राजसमंद व गुड़ला, चौथे रूट पर उदयपुर, मंगलवाड़, नगावली, व वल्लभनगर तथा पांचवें रूट पर उदयपुर, डिन्डोली व भोपालसागर जलाशयों पर बर्ड वॉचिंग की गई। चित्तौड़ा ने बताया कि 22 जनवरी को समस्त दल प्रतिनिधि ओ.टी.सी. में आयोजित होने वाले समापन समारोह में बर्ड वॉचिंग पर अपना प्रस्तुतीकरण देंगे।
सूचना केंद्र में लगी प्रदशर्नी बनी आकर्षण का केंद्र
उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के तहत चेतक सर्कल स्थित सूचना केन्द्र की कला दीर्घा में पक्षी फोटो गेलेरी एवं स्टाम्प प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। शनिवार को भी छात्र-छात्राओं का दल यहां प्रदर्शनी को देखने पहुंचा। डाक टिकट संग्रहकर्ता पुष्पा खमेसरा ने उन्हें प्रदर्शनी का विजिट कराया। यहां प्रदर्शनी में ख्यात वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स द्वारा क्लिक किये गये फोटोग्राफ्स यहां लगाए गए हैं। प्रदर्शनी में पक्षियों पर आधारित डाक टिकटों की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। डाक टिकट संग्रहकर्ता पुष्पा खमेसरा ने भारत सहित विश्व के 333 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए दस हजार से अधिक डाक टिकटों तथा पक्षियों पर जारी मुद्राओं का संग्रह किया है और उनमें से कई यहां प्रदर्शित किए गए हैं।