विचारधारा से परे समय को रचनाओं में समाहित करने वाले आत्मानवेषी कवि थे नंद बाबू

उदयपुर , नन्द बाबू आधुनिक कविता के पुरोधा थे,  वे समाजवादी कार्यकर्ता थे, किंतु उनकी रचनाओं में समाजवादी समाजवाद के बजाए समय और परिस्थितियों का मर्म था। कविता उनके लिए मानवानुभूति वाले आत्मानुभूति…