सरकार से बातचीत के न्योते की चिट्ठी पर किसानों ने शनिवार को फैसला ले लिया। उन्होंने तय किया है कि बातचीत फिर शुरू की जाएगी, लेकिन शर्तें जारी रहेंगी। किसानों ने सरकार से मीटिंग के लिए 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे का वक्त दिया है। लेकिन, कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाएं और मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में होनी चाहिए। किसान नेता राकेश टिकैत ने यह जानकारी दी।
किसान 30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में टोल स्थायी तौर पर खुले रहेंगे। 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। हम दिल्ली समेत पूरे देश के लोगों से अपील करते हैं कि यहां आकर हमारे साथ नया साल मनाएं।
RLP ने NDA का साथ छोड़ा
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कृषि बिलों के विरोध में NDA से अलग होने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे गठबंधन से फेविकॉल से नहीं चिपके हैं, हमने किसानों से किया गया वादा निभाया है। किसानों के समर्थन में बेनीवाल अपने साथ राजस्थान के हजारों किसानों और RLP के कार्यकर्ताओं को लेकर दिल्ली रवाना होंगे।
भाजपा के पूर्व सांसद ने पार्टी छोड़ी
पंजाब के भाजपा नेता और पूर्व सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने किसानों के समर्थन में भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार और भाजपा नेता असंवेदनशील बने हुए हैं।
गुरुवार को केंद्र ने किसानों को चिट्ठी लिखी थी
सरकार ने गुरुवार को किसानों को तीसरी बार चिट्ठी लिखकर बातचीत के लिए दिन और समय तय करने की अपील की थी। चिट्ठी में कहा गया था कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज से जुड़ी कोई भी नई मांग जो नए कृषि कानूनों के दायरे से बाहर है, उसे बातचीत में शामिल करना तर्कसंगत नहीं होगा।