उदयपुर। सोमवार को सुबह से शाम तक ताज फतह प्रकाश पैलेस के दरबार हॉल में जी-20 शेरपा G20 summit udaipur बैठक का दौर चला। प्रातः 8.30 बजे बैठक की शुरुआत करते हुए भारत के शेरपा अमिताभ कान्त ने भारत की जी-20 अध्यक्षता को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। इसके पश्चात वित्त मंत्रालय के आर्थिक विभाग सचिव अजय सेठ द्वारा फायनेंस ट्रेक पर ओवरव्यू प्रस्तुत किया गया। प्रातः 9 बजे से टेक्नीकल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा हुई जिसमें डिजिटल इकोनोमी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर चर्चा हुई। इसके पश्चात ग्रीन डवलपमेंट एंड लाइफस्टाइल फॉर इन्वायरमेंट (लाइफ) पर सेशन हुआ जिसमें विभिन्न देशों के शेरपा ने अपने विचार व्यक्त किए। दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक लंच के पश्चात पुनः चर्चा का दौर शुरू हुआ। अंत में ‘ग्लोबल एंड रिजनल इकोनोमिक प्रोस्पेक्ट एंड चेलेंजेस’ विषय पर चर्चा हुई जिसमें आईएमएफ से लुईस ब्रेवर एवं क्रिस्टीन कॉस्टल ने प्रस्तुतीकरण दिया।
राजस्थानी साफों को पहन अभिभूत हुए शेरपा
बैठक समाप्ति के पश्चात माणक चौक में ‘एक्सपीरियंस राजस्थान एट माणक चौक’ का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न देशों से आए शेरपा एवं एचओडी को बैठा कर साफा बंधा गया। साफा बांधने के बाद शेरपा भी बेहद उत्साहित दिखे एवं सेल्फ़ी लेते नजर आए। रंग बिरंगे साफो को सर पर बांध कर उत्साहित विदेशी अतिथियों ने राजस्थान की इस अनोखे ताज को सर पर धारण कर गौरवांवित महसूस किया। उनके प्रफुल्लित चेहरों से खुशी व गौरव का इजहार हो रहा था। इस दौरान कई शेरपा मीडिया से रूबरू भी हुए और भारत के अपने अनुभव साझा किए। भारतीय शेरपा अमिताभ कान्त ने कहा कि जी-20 के माध्यम से वैश्विक समस्याओं को दूर का प्रयास किया जाएगा।
20 किलो का साफा रहा आकर्षण का केन्द्र
माणक चौक में सभी विदेशी अतिथियों को राजस्थानी साफा बंधवाने के दौरान राजस्थानी साफे की अनूठी गौरवमयी परंपरा से पूरी दुनिया को रूबरू करवाने के उद्देश्य से बीकानेर के सिद्धहस्त साफा आर्टिस्ट पवन व्यास को बुलवाया गया था। व्यास ने विदेशी अतिथियों के सामने 478.5 मीटर और बीस किलो वजनी साफा बांधकर अपनी कला का प्रदर्शन किया तो सभी अतिथि इसे देखकर बड़े अभिभूत हुए। कई विदेशी अतिथियों ने बीस किलो वजनी साफे व कलाकार के साथ फोटो भी खिंचवाएं। विश्व की सबसे बड़ी और सबसे छोटी पगड़ी बांधने के कई सारे वर्ल्ड रिकार्ड प्राप्त कलाकार पवन व्यास ने बताया कि उनका पूरा परिवार इसी ्रकार से साफा बांधने के कार्य से जुटा हुआ है और वे स्वयं पिछले 13 वर्षों से इस कला से जुड़े हुए हैं। इससे पहले उन्होंने 1 से 3 सेंटीमीटर की सबसे छोटी 10 अलग-अलग तरह की पगड़ी अपनी हाथों की अंगुलियों में बांध कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाया था।
कान्त ने पुनः मुख्यमंत्री का जताया आभार
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने बताया कि फॉर्मल के अलावा इनफ़ॉर्मल संवाद जैसे चाय और भोज पर चर्चा भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ सभी राजस्थानी रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। कान्त ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, मुख्य सचिव उषा शर्मा, सम्भागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट और कलेक्टर तारा चंद मीणा का पुनः उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के लिए आभार व्यक्त किया। कान्त ने कहा कि उदयपुर में इस सम्मेलन से एक नया माहौल बना है और इसका फायदा जी-20 को भविष्य में मिलेगा।
भारत की जी 20 प्राथमिकताओं पर चर्चा
भारत की G20 प्रेसीडेंसी की 4 से 7 दिसंबर 2022 तक निर्धारित पहली शेरपा बैठक में कल उदयपुर में अंतर्राष्ट्रीय शेरपाओं, उनके प्रतिनिधिमंडलों और आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों का स्वागत किया गया। बैठक के पहले दिन जी 20 इंडिया शेरपा के साथ एक अनौपचारिक मीडिया बातचीत सहित विभिन्न गतिविधियों के साथ ‘सतत विकास लक्ष्यों’ पर बातचीत हुई। ये विकास लक्ष्य थे 2030 एजेंडा के मिडपॉइंट पर ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स। इसके अलावा जल सांझी कला का एक प्रदर्शन, प्रतिनिधियों के लिए एक नेटवर्किंग कार्यक्रम, एक डेजर्ट म्यूजिक सिम्फनी और विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन दिन भर चले।
आज, 5 दिसंबर को ताज फतेह प्रकाश होटल के राजसी दरबार हॉल में आयोजित भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी के पांच प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण चर्चाओं की शुरुआत हुई। ‘तकनीकी परिवर्तन’ और ‘पर्यावरण के लिए हरित विकास और जीवन शैली’ पर पहले दो सत्रों के अलावा, ‘वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था: संभावनाएँ और चुनौतियाँ’ पर एक संवाद और जी 20 सदस्य देशों के बीच एक अनौपचारिक ‘चाय पर चर्चा’ भी आयोजित की गई।
पहली शेरपा बैठक की वार्ता भारत के जी 20 शेरपा, श्री अमिताभ कांत ने शुरू की जिन्होंने 13 कार्यकारी समूहों में भारत की जी 20 प्राथमिकताओं को प्रस्तुत किया। शेरपा ने विकसित और विकासशील देशों के बीच सभी की जीत वाला सहयोग बनाने के लिए जी 20 अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का उपयोग करते हुए, ग्लोबल साउथ की वास्तविक आवाज के रूप में भारत के कर्तव्य पर प्रकाश डाला।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव श्री अजय सेठ ने दुनिया के सामने आज की प्रमुख आर्थिक चुनौतियों की रूपरेखा राखी जिसके लिए जी 20 देशों की सामूहिक क्षमता को एक होकर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है।
इसके बाद डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा पर कार्य समूहों की भागीदारी के साथ तकनीकी परिवर्तन पर पहला सत्र हुआ जिसमें प्रतिनिधियों ने अपने देशों में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की।
इसके अलावा, जी 20 देशों के प्रतिनिधियों, आमंत्रित अतिथियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने कई तरीकों से प्रौद्योगिकी की शक्ति का बेहतर लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण हस्तक्षेप साझा किए। अन्य विषयों के अलावा, साइबर सुरक्षा के महत्व, तकनीकी सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक पहुंच के विस्तार में समावेशिता, और डिजिटल स्किलिंग पर चर्चा की गई।
पर्यावरण के लिए हरित विकास और जीवन शैली पर दूसरे सत्र विचार हुआ जिसमें सामूहिक रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत के जी 20 शेरपा ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए हरित और ऊर्जा परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। विकास, ऊर्जा संक्रमण, जलवायु स्थिरता कार्य समूह, और आपदा जोखिम लचीलेपन और न्यूनीकरण कार्य समूहों ने इस सत्र में भाग लिया। भागीदार देशों ने भारत की पहल की सराहना की और उसके एजेंडा को फलीभूत करने के लिए समर्थन और प्रतिबद्धता व्यक्त की।
इसके बाद “वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था: संभावनाएँ और चुनौतियाँ” पर एक संवाद आयोजित किया गया। नीति विभाग की उप निदेशक सुश्री क्रिस्टीना कोस्तियाल, एक विचारोत्तेजक चर्चा में शामिल हुए और उन्होंने आज की सबसे अधिक दबाव वाली वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया। इस संवाद ने प्रमुख चिंताओं से निपटने और आर्थिक उतार-चढ़ाव के प्रति अधिक लचीला बनने के लिए दुनिया के वास्ते महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।
इसके अतिरिक्त, गहरे पारस्परिक संबंधों को बढ़ावा देने और जी 20 सदस्य देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए शाम की चाय पर ‘चाय पे चर्चा’ आयोजित की गई।
उदयपुर के ऐतिहासिक माणक चौक के भ्रमण के दौरान, जी 20 शेरपाओं को राजस्थान के प्रामाणिक सांस्कृतिक अनुभव को और समृद्ध करने के लिए पारंपरिक भारतीय परिधान जैकेट, साफा/पगड़ी आदि भेंट किए गए। दूसरे दिन का समापन उदयपुर के शानदार जगमंदिर में रात्रि भोज पर संवाद के साथ हुआ।
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भारत जी 20 शेरपाओं और प्रतिनिधिमंडलों को अपना सर्वश्रेष्ठ आतिथ्य प्रदान करना जारी रखे हुए है। भारत का उद्देश्य सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखला के माध्यम से, ऐतिहासिक स्थलों और दर्शनीय स्थलों की यात्रा, राजस्थानी कला और शिल्प का प्रदर्शन करके हमारे समृद्ध इतिहास और परंपराओं का एक अनूठा अनुभव एक झलक देना है। सफेद संगमरमर की वास्तुकला और खूबसूरत झीलों के लिए जाना जाने वाला शहर उदयपुर, प्रतिनिधिमंडलों को एक उल्लेखनीय और यादगार यात्रा की पेशकश कर रहा है।