उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय), उदयपुर की मेजबानी में आयोजित पांच दिवसीय पश्चिम क्षेत्रीय महिला विश्वविद्यालय हॉकी प्रतियोगिता के दूसरे दिन कुल 18 मैच आयोजित हुए। स्पोर्ट्स बोर्ड सचिव डॉ. भवानी पाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे दिन के मैच का शुभारंभ डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. नाहर सिंह झाला, डॉ. हेमराज चौधरी , डॉ. युवराज सिंह राठौड, सहायक रजिस्ट्रार धर्मेन्द्र राजौरा, डॉ. भवानी पाल सिंह, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, डॉ. संतोष लांबा, कृष्णकांत कुमावत, डॉ. रोहित कुमावत , डॉ. पंकज रावल, आशीष नंदवाना, आरिफ, डॉ. अमित दवे, डॉ. हरिश मेनारिया, डॉ. सुभाष पुरोहित, अनिता राजपुत ने खिलाडियों का परिचय प्राप्त किया।
डॉ. भवानी पाल सिंह ने बताया कि मंगलवार को बी.एन. कॉलेज मैदान के 14 मैच एवं खेल गांव एस्ट्रो टर्फ मैदान में 4 मैच खेल गए। जिसमें विद्यापीठ विश्वविद्यालय की टीम ने क्रमशः पैसेफिक विश्वविद्यालय को 6-0 एवं गुजरात विश्वविद्यालय , अहमदाबाद को 8-0 से पराजित कर लगातार दूसरे दिन भी अपनी विजय यात्रा जारी रखते हुए दूसरे दौर में प्रवेश किया। बरकत्तुलाह विश्वविद्यालय भोपाल एवं महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के बीच मैच में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर ने 4-0 से विजय प्राप्त की वहीं रानी लक्ष्मी बाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान ग्वालियर ने वी.एन.एस. विश्वविद्यालय, सूरत को 3-0 से , मुंबई विश्वविद्यालय ने एस.जी. स्पोटर््स यूनिवर्सिटी, गांधीनगर को 7-0 से , आर.टी.एम. विश्वविद्यालय नागपुर ने एम.एस. बुन्देलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर को 6-0 से पराजित किया। इसी क्रम में शिवाजी विश्वविद्यालय कोल्हापुर ने एम.जी.एस. विश्वविद्यालय, बीकानेर को 3-1 से , बाबा साहेब अंबेडकर विश्वविद्यालय महाराष्ट्र ने राजा शंकर एस. विश्वविद्यालय, छींदवाडा को 2-0 से , एम.एस. विश्वविद्यालय बडौदा ने राज ऋषि भतृहरि विश्वविद्यालय अलवर को 1-0 से , के. बी.सी. विश्वविद्यालय जलगांव ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन को 3-0 से परास्त किया वहीं एम.के.के. विश्वविद्यालय भावनगर व कोटा विश्वविद्यालय के मध्य वॉक ऑवर हुआ। एस.जी.बी.यू. अमरावती ने आर.एस.टी.एम. नागपुर को ट्राई ब्रेकर के जरीये 3-1 से हराया। रानी लक्ष्मी बाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान ग्वालियर ने एम.एस. विश्वविद्यालय बडौदा को 1-0 से परास्त किया। वहीं मोहन लाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर की महिला टीम क्रमशः एच.एन. जी. विश्वविद्यालय, पाटन को 11-0 से एवं गोवा विश्वविद्यालय को 2-0 से परास्त कर अगले दौर में पहुंची।
हॉकी की राष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाडियों से एक मुलाकात
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय), उदयपुर की मेजबानी में आयोजित पश्चिम क्षेत्रीय महिला विश्वविद्यालय हॉकी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार रानी लक्ष्मी बाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान ग्वालियर की टीम पुरूष हॉकी के मुकाबले महिला हॉकी के कम आयोजनों को महिला हॉकी के लोकप्रिय न हो पाने का एक कारण मानती है। राष्ट्रीय खिलाडी निधि चंदेरिया ने विद्यालय स्तर पर खेलों के प्रति सरकारी सुविधाओं की कमी के चलते बालिकाओं का खेल के प्रति घटते रूझान को महिला हॉकी की शोचनीय दशा का मूल घोषित किया। साथ ही अमृता ने समाज के दृष्टिकोण में महिलाओं को खेल चयन में अधिकाधिक स्वतंत्रता देने का पक्ष लेते हुए मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। प्रशंसा और नेहा ने ’खेलो इंडीया’ सरीखे सरकारी प्रयासों से महिला हॉकी की स्थिति में होने वाले बदलावों प्रति आशावादी दृष्टिकोण रखते हुए स्वर्णिम भविष्य की अपेक्षा की।
महाराज सयाजी राव विश्वविद्यालय, बडौदा गुजरात की खिलाडियों ने हॉकी में समूह भावना को वसुधैव कुटुम्बकम का आधार मानते हुए इस खेल के अधिकाधिक प्रचार प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया। विद्यालय स्तर से ही सरकारी योजनाओं में राष्ट्रीय खेल के प्रति बालिकाओं के रूझान विकसित करने में गुुजरात मॉडल की तारीफ करते हुए हॉकी की राष्ट्रीय खिलाडी धनुषा रानापुरवाला ने बताया कि उनके राज्य में अध्ययन के साथ साथ खेलों की तरफ विद्यार्थियों की रूचि का विकास किया जाता है। विद्यालय से लेकर अंतर विद्यालयी प्रतियोगिताओं में विजेता खिलाडियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। साथ ही आवासीय सुविधा वाले खेल कोचिंग संस्थानों में ऐसे खिलाडियों की प्रतिभा को निखारा जाता है। राशी वर्मा ने खिलाडियों सेे भोजन में कार्बोहाइड्रेट की संतुलित मात्रा लेने की सलाह देते हुए नियमित व्यायाम एवं फिटनेस के प्रति जागरूक रहने का आव्हान किया । मोनालिका पंवार को परिवार से ही हॉकी का खेल विरासत में मिला। उदयपुर से अपनी स्मृतियां साझा करते हुए मोनालिका पंवार ने बताया कि उनकी आरंभिक शिक्षा बी.एन. संस्थान में हुई एवं यहां उपलब्ध हॉकी की सुविधा ने उन्हें प्रोत्साहित किया। यशस्वी जाधव ने हॉकी एकेडमी व कोच की उपलब्धता को ग्रामीण स्तर पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराने से महिला खिलाडियों की सहज उपलब्धता में वृद्धि की बात कही । सयाजीराव विश्वविद्यालय की पूरी टीम ने एस्ट्रो टर्फ हॉकी मैदान की उपलब्धता बढाने की आवश्यकता महसूस की।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय , इंदौर की राष्ट्रीय पदक विजेता महिला टीम सदस्यों ने समवेत स्वर में परिवार के रूढीवादी सोच को महिला हॉकी की राह में अवरोध माना। परंपरागत सोच के चलते हॉकी को पुरूष प्रधान खेल माना जाता रहा है। गोल कीपर वैष्णवी ने हॉकी से अपने प्रारंभिक लगाव को कक्षा में विशिष्टीकरण से जोडा। वैष्णवी ने अध्ययन के साथ खेलोें के प्रति झुकाव से कॅरियर में होने वाले उपलब्धियों की तरफ प्रोत्साहित किया। प्रज्ञा रावल एवं लितांशी शर्मा हॉकी के प्रति अपने प्रारंभिक रूझान को सहपाठियों से प्रेरित मानते हुए ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के असीमित इस्तेमाल को आदर्श बनाती प्रतीत हुईं। वहीं यशिका संतोष कुमावत एवं रूद्राक्षी धर्मेंद्र दीक्षित ने सफलता को ही सुविधाएं प्राप्ति का पैमाना घोषित करते हुए मैच में सफल होने पर ही सुविधाओं की उपलब्धता की बात कही। साथ ही तैयारी के लिए संसाधनों की अनुपलब्धता एवं पुरूषवादी सोच के चलते मैदान की अनुपलब्धता ऐसे प्रमुख मुद्दे हैं जो कि महिला हॉकी की उन्नति में बाधक हैं।