उदयपुर। मुख्य सचिव के निर्देशों की पालना एवं भिक्षावृत्ति मुक्त प्रदेश की दिशा में उदयपुर जिला कलक्टर ताराचन्द मीणा के निर्देशन में जिला प्रशासन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं के तत्वावधान में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत भिक्षावृत्ति में संलग्न लोगों के पुनर्वास एवं समझाइश का कार्य होगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के उपनिदेशक मानधाता सिंह राणावत ने इस अभियान की क्रियान्विति को लेकर बुधवार को आयोजित सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं की बैठक में महत्वपूर्ण जानकारी दी। बैठक में मौजूद अधिकारियों व प्रतिनिधियों ने अपने अपने सुझाव दिए। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने राजस्थान भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों का पुनर्वास अधिनियम 2012 एवं किशोर न्याय अधिनियम 2015 के साथ अन्य प्रावधानों की जानकारी दी। पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र कुमार ने अभियान में पुलिस की भूमिका पर प्रकाश डाला। नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारी शैल सिंह ने बेसहारा परिवार के संरक्षण के लिए निगम की ओर से हरसंभव सहयोग उपलब्ध करवाने की बात कही। बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक मीना शर्मा, बाल कल्याण समिति, उदयपुर के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कवीया, नोडल अधिकारी हेमन्त खटीक सहित बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने भी अपने सुझाव दिए। बैठक पश्चात् उदयपुर के चेतक चौराहा एवं सुखाडिया सर्कल पर समझाइश की गई।