जयपुर। केन्द्रीय मंत्री वित्त और कॉरपोरेट मामलें श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित 43वीं जीएसटी परिषद्् की वर्चुअल बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा टीके, दवा, ऑक्सीजन एवं अन्य कोविड राहत सामग्री पर 5-12 प्रतिशत जीएसटी वसूलने पर राजस्थान, पंजाब एवं बंगाल तथा अन्य राज्यों द्वारा अपनी आपत्ति दर्ज करवाई एवं मांग की गई कि इन पर जीएसटी जीरो रेटिंग की जाये। अर्थात इन्हें जीएसटी से मुक्त किया जाये।
राजस्थान की और से नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने भाग लिया। धारीवाल ने जीएसटी कॉउसिल की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पूरे प्रदेश के लिये घातक रही। संक्रमण दर एवं मृत्युदर दोनों ज्यादा थे। वैश्विक महामारी के दौरान सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद भी राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दुरगामी सोच, मेहनत एवं नेतृत्व में शुरू से सजग रहकर कई कदम उठाये है। माह अप्रैल से ही राजस्थान में जन अनुशासन पखवाड़ा, महामारी रेड अलर्ट एवं वीकेण्ड कफ्र्यू आदि जैसी कई पाबंदिया लगायी गयी। जिससे कोविड-19 पर काफी हद तक काबू पाया जा सका। राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियॉ शुरू कर दी गई है। इसके लिए 1000 डॉक्टर, 25000 नर्सिंग स्टॉफ नये भर्ती किये जा रहे है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर के अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल घोषित किया गया है। प्रदेश में ब्लैक फंगस को घातक बीमारी घोषित किया गया है।
उन्होनें कहा कि केन्द्र सरकार 18 से 45 साल की उम्र वालों के लिये व्यवस्था राज्यों पर ही डाल दी। वैक्सीन कम्पनीयों से एक ही टीके के लिये तीन अलग-अलग दर (एक केन्द्र के लिये, दूसरी राज्य एवं तीसरी निजी अस्पतालों के लिये) तय करायी हैं, जो अनुचित है। राज्यों को अलग से ग्लोबल टेंडर जारी करना पडा जो किसी विकसित देश में भी नहीं हुआ। राज्य की जनता को कोविड से बचाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा 3000 करोड रू से टीका खरीदने का निर्णय लिया गया है। कोविड-19 के दौरान भी केन्द्र सरकार टीके पर 5 प्रतिशत जीएसटी एवं अन्य कोविड राहत सामग्री जैसे ऑक्सीजन सिलेण्डर, दवा आदि पर भी 12 प्रतिषत जीएसटी वसूल कर रही है, जो उचित नहीं है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत ने टीके को जीएसटी से मुक्त करने लिये वित्त मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखा है। देश के संविधान की धारा 18 में 101वें संविधान संशोधन विधेयक के माध्यम से क्षतिपूर्ति कानून 2017 की धारा 7(1) के अन्तर्गत जीएसटी क्षतिपूर्ति दिये जाने हेतु प्रावधान किये गये हैं। इन परिस्थितियों में राजस्व घाटे की भरपाई हेतु क्षतिपूर्ति प्रदान करना केन्द्र सरकार का उत्तरदायित्व है। कोविड-19 के दौरान राज्य के राजस्व पर विपरीत प्रभाव पडा है। माह मई में अप्रैल की तुलना में वेट, राज्य उत्पादक शुल्क, स्टाम्प और पंजीकरण एवं जीएसटी आदि मदों में राज्य के राजस्व में लगभग 80 प्रतिषत की कमी आयी है। केन्द्र सरकार से अब तक राशि रू. 7561.36 करोड़ मिले है। जिसमेे , जीएसटी मुआवजा रु. 2957.36 करोड़ और जीएसटी मुआवजा ऋण रु 4604.00 करोड़ है।
उन्होनें जीएसटी कांउसिल में मांग की कि वर्ष 2020-21 में राज्य को रूपये 4604 करोड़ रूपये जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण के रूप में जारी किये गये है जबकि उक्त वर्णित राशि भी जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में ही जारी की जानी चाहिए थी। अत: इस राशि को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के मद में समायोजित किया जाये, साथ ही 2020-21 के क्षतिपूर्ति राशि के बकाया 4635.29 करोड़ रू. तुरन्त एकमुश्त जारी की जाये। उन्होनें कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने 10 मई, 2021 को केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है। उन्होनें बताया कि कोविड के दौरान राज्य की निश्चित राजस्व आय में काफी कमी रहने की आशंका है। अत: केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को देय सम्पूर्ण जीएसटी क्षतिपूर्ति की राषि का भुगतान जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में करना चाहिए। राज्यों में लोक कल्याण की विभिन्न योजनाओं के लिये आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है, अत: केन्द्र सरकार को चाहिए कि जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रदान करने की अवधि को पाँच वर्ष के लिये बढ़ा कर वर्ष 2027 तक किया जावे।
राज्य सरकार अथवा सरकार से अनुमोदित संस्था द्वारा निशुल्क वितरण हेतु खरीद कर आयात करने पर भी इस प्ळैज् की छूट को बढ़ाया जाये जिससे राहत कार्यों में तेजी लायी जा सकें। इसे थ्पजउमदज कमेटी ने भी अनुशंसा की है। इसे स्वीकृति देकर 31 जुलाई तक छूट देनी चाहिये।
उन्होनें कहा कि सरकार द्वारा अनुमोदित संस्था द्वारा देश के भीतर से निशुल्क वितरण हेतु खरीदे गये कोविड रिलीफ मैटेरियल यथा ऑक्सीजन एवं इस के उपकरण वेन्टिलेटर, रेमडेसिवीर आदि पर भी 31 मार्च, 2022 तक जीएसटी से छूट प्रदान की जानी चाहिए। थ्पजउमदज कमेटी ने 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत ळैज् लगाने की अभिशंसा की है।
उन्होनें कहा कि केन्द्र सरकार कोविड-19 के दौरान ऑक्सीजन, ऑक्सीजन टैंकर, आवश्यक दवाईयॉ, वैक्सीनेशन आदि बीजेपी शासित राज्यों को भरपूर दे रही है। जबकि गैर बीजेपी शासित राज्य इनके लिए तरस रहे है। केन्द्र सरकार का यह सौतेला व्यवहार ठीक नहीं है केन्द्र सरकार को सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए तथा वैक्सीन की जिम्मेदारी स्वयं को उठानी चाहिए।