उदयपुर। उदयपुर के प्रसिद्ध माता महालक्ष्मी मंदिर का प्राकट्योत्सव मंगलवार को धूमधाम से मनाया जायेगा। माता महालक्ष्मी के प्राकट्योत्सव को लेकर तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। भट्टियानी चौहट्टा स्थित माता महालक्ष्मी के मंदिर पर आकर्षक साज सज्जा की गई हैं तो वहीं प्राकट्योत्सव के मौके पर मन मोहक श्रृंगार भी किया जायेगा। अल सुबह से भक्तों की भीड माता महालक्ष्मी के मंदिर दर्शन के लिये पहुंचेगी और यह सिलसिला रात्रि 12 बजे होने वाली महाआरती तक चलेगा।
श्रीमाली जाति सम्पति व्यवस्था ट्रस्ट के सचिव मधुसूदन बोहरा ने बताया कि प्रातः 5.00 बजे पंचामृत अभिषेक एवं षोडषोपचार विधि से पूजन किया जायेगा तत्पश्चात् श्री सुक्त के पाठ होगे । प्रातः 10.00 बजे से यज्ञ हवन प्रारम्भ होगे, जिसमें समाज के पांच जोड़े आचार्य मनीष श्रीमाली के सानिध्य में हवन करेंगे तत्पष्चात पूर्णाहूति होगी । सायं 5.15 बजे से सुन्दरकाण्ड का पाठ प्रारम्भ होगा। रात्रि 12.00 बजे महाआरती होगी जिसमें लक्ष्मी माता को खीर, पंजरी, फल आदि का भोग लगाया जायेगा और भक्तों को प्रसाद वितरित कियाजायेगा । इस अवसर पर महालक्ष्मी को स्वर्ण चांदी का वेश धारण कर विशेष श्रृंगार करवाया जायेगा।
माता महालक्ष्मी का यह मंदिर करीब चार सौं साल पुराना हैं। कहा जाता हैं कि इस मंदिर का निर्माण जगदीश मंदिर के समय हुआ था। महाराणा जगत सिंह द्वारा जगदीश मंदिर के साथ बनाया था। कहा जाता हैं कि रानी ने राजा से कहा कि जब भगवान जगदीश विराजित हो रहे थे तब महालक्ष्मी की भी स्थापना होनी चाहिये। रानी के कहने पर राजा ने जगदीश मंदिर से कुछ ही दुरी पर 4200 स्क्वायर फिट में मंदिर बनाया गया। इस मंदिर में माता महालक्ष्मी हाथी पर बैठी हुई हैं, यह प्रतिमा पुरे देश में इस मंदिर को अनुठा बनाती हैं। मंदिर में विराजित प्रतिमा 31 इंच की हैं। माता महालक्ष्मी के प्रति समुचे उदयपुर संभाग के लोगों में खासी आस्था हैं और हर वर्ष प्राकट्योत्सव के मौके दिन भर में हजारों लोग कताबद्ध होकर दर्शन के लिये पहुंचते है।