उदयपुर। सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने मेवाड़ वासियों से अपील करते हुए कहा है कि कुछ बाहरी तत्व यहां की सामाजिक समरसता को समाप्त करने व शांति व्यवस्था को भंग करने के उद्देश्य से जातिवाद का जहर घोलने के प्रयासों में जुटे हैं। आमजन को इनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।
सांसद रावत की ओर से सोशल मीडिया पर जारी किए गए एक वीडियो में यह अपील की गई है। चार रोज पूर्व सलूंबर जिले के अदवास गांव में एक शिक्षक शंकर लाल की उसी के मित्र फतहसिंह ने तलवार से वार कर नृशंस हत्या कर दी थी। वारदात के बाद जंगल में छिपे आरोपी फतेहसिंह की पुलिस ने घेराबंदी की तो पकड़े जाने के भय से अपने पास मौजूद उसी तलवार से स्वयं का गला रेत आत्महत्या कर ली थी। इस वारदात के बाद जब मृत शिक्षक शंकरलाल के शव को पोस्टमार्टम की कार्रवाई के लिए उदयपुर के राजकीय महाराणा भूपाल चिकित्सालय लाया गया। इस बीच कुछ बाहरी तत्व माहौल खराब करने की नीयत से यहां पंहुच गए।
सांसद रावत ने बताया कि मृतक शिक्षक के परिवार के लोग शांति चाहते थे, लेकिन ये बाहरी तत्व पोस्टमार्टम के लिए परिजनों की सहमति बनने में हस्तक्षेप करते रहे। मृतक के परिवार को मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर तीन दिन तक शव का पोस्टमार्टम तक नहीं होने दिया। मोर्चरी के बाहर मेवाड़ की सामाजिक समरसता को समाप्त करने व विद्वेष पैदा करने के लिए अपने भाषणों में जातिवाद का जहर घोलते रहे। जबकि हत्या के आरोपी व मृत शिक्षक वारदात से पूर्व तक अच्छे मित्र थे। उनके बीच कभी जातिगत ऊंच-नीच या भेदभाव वाली बात कभी नहीं रही। मृतक के परिवार वाले व क्षेत्र के लोग काफी सीधे- सादे हैं, वे इन बाहरी तत्वों के अराजक इरादों को समझ नहीं पाए।
सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने बताया कि मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन के दौरान इन बाहरी अराजक तत्वों ने एस सी, एस टी, ओबीसी, माइनॉरिटी, हिंदू समाज बीच विभाजन पैदा करने वाली भाषा का उपयोग करना शुरू किया तो उन्हें सख्ती के साथ समझा दिया गया।