
जयपुर। वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी Hemaram Choudhary ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि बून्दी जिले में स्थित रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभ्यारण्य को टाईगर रिजर्व बनाये जाने की सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
चौधरी ने विधायक पानाचंद मेघवाल के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्लीे द्वारा वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम 1972 की धारा 38 के प्रावधानान्तर्गत 5 जुलाई 2021 को ramgarh vishdhari रामगढ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य व निकटवर्ती क्षेत्रों को टाईगर रिजर्व बनाये जाने की सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि एनटीसीए द्वारा प्रदान की गई स्वीकृति के क्रम में राज्य सरकार द्वारा रामगढ विषधारी टाईगर रिजर्व के क्रिटिकल टाईगर हैबीटाट (कोर) एवं बफर क्षेत्र के निर्धारण हेतु धारा 38 वी (4) के अनुसार विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। वन मंत्री ने बताया कि समिति द्वारा रामगढ विषधारी टाईगर रिजर्व, जिला बून्दी के कोर (सी.टी.एच.) तथा बफर क्षेत्र के निर्धारण हेतु रिपोर्ट 24 जनवरी 2022 को राज्य सरकार को प्रस्तुत की गई है। उन्होंने बताया कि समिति की रिपोर्ट का परीक्षण कर राज्य सरकार द्वारा वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।
चौधरी ने बताया कि वन्यजीव अभयारण्य शेरगढ में पेंथर प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं और यहां टाईगर एवं चीता शिफ्ट करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है, अपितु वन्यजीव अभयारण्य शेरगढ में चीता छोडे जाने की संभावनाओं का जायजा लिया जाने की दृष्टि से विचार करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्था्न, देहरादून के वैज्ञानिकों द्वारा शेरगढ वन्यदजीव अभयारण्य का प्रारंभिक अवलोकन किया जाकर रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है।
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में शेरगढ अभयारण्य का क्षेत्रफल कम होने के कारण समीपस्थ अतिरिक्त वन क्षेत्र को सम्मिलित किया जाने, चारों ओर फेंसिंग की जाने, गे्राम सुरपा को बाहर विस्थापित किये जाने आदि उपरांत ही यह अभयारण्य चीता की 3-4 यूनिट बनाने हेतु उपयुक्त हो सकता है के बारे मे उल्लेखित किया गया है। इस संबंध में एनटीसीए द्वारा अपने पत्र 7 दिसंबर 2021 द्वारा सूचित किया गया है कि प्रथम चरण में चीता बसाने की कार्यवाही मध्यप्रदेश में की जा रही है। अन्य स्थानों के संबंध में बाद के चरणों में कार्यवाही की जायेगी।
वन मंत्री ने बताया कि बारां के शेरगढ अभयारण्य का प्रशासनिक नियंत्रण कोटा से हटाकर बारां में करने के संबंध में विधायक अटरू श्री पानाचन्द् मेघवाल से उनका पत्र 31 मार्च 2021 प्राप्त हुआ जिस पर अति. प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की राय ली गई। उन्होंने बताया कि अति. प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की राय अनुसार शेरगढ़ अभयारण्य का प्रबंधन एवं प्रशासनिक नियंत्रण वन्यजीव मण्डल कोटा में रखा जाना उचित है जिससे अभयारण्य में वन्यजीवों एवं उनके हैबीटाट का प्रबंधन, रेस्क्यू कार्य इत्यादि सुचारू रूप से हो पायेगा।