उदयपुर। राजस्थान के पहले होलिस्टिक वेलनेस सेंटर का उद्घाटन गुरूवार को असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, अवधेशानंदजी महाराज, चेयरमैन राजेन्द्रकुमार नलवाया ने हवन यज्ञ के साथ किया। ये सेंटर उदयपुर जिले के बाठेड़ा कलां में है। वहां जाने के लिए उदयपुर—मंगलवाड़ हाइवे पर भटेवर के सिंघानिया युनिवरसिर्टी से पहले जो अडिंदा चौराहा है वहां से अंदर जाना होगा और मोडी गांव के बाद यह जगह आएगी।
इस अवसर पर राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि इस तरह का वेलनेस सेंटर ग्रामीण इलाके में स्थापित किया गया है। इसका भूमि पूजन भी मैंने देखा है, बिल्डिंग व सभी सुविधाएं भी देखी हैं। इंडिया के बेस्ट प्राकृतिक चिकित्सकों की सेवाएं यहां पर उपलब्ध होंगी। अपने ट्राइबल एरिया में इस तरह के सेंटर पर लोगों के आने जाने का क्रम चालू होगा तो मैं समझता हूं कि इस तरह के कई और भी सेंटर भी ट्राइबल एरिया में खुल सकेंगे। हमें प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है लेकिन इसका सही रूप से पब्लिक वेलफेयर में उपयोग हो, यह जरूरी है। संत अवधेशानंदजी के दर्शन का भी मौका मिला, मैं सौभाग्यशाली हूं।
ये इस सेंटर की खासियत……
चेयरमैन राजेन्द्रकुमार नलवाया व वाइस चेयरमैन योगेश कुमार ने बताया कि डॉ. श्याम नदुगले व उनकी टीम की देखरेख में इस राजबाग होलिस्टिक वेलनेस सेंटर पर नॉन क्यूरेटिव व क्यूरेटिव बीमारियों का उपचार होगा। यह वेलनेस सेंटर राजस्थान में अपनी तरह का पहला व अनूठा सेंटर है जिसका संचालन ट्रांस होटल एंड रिसोट्र्स हैदराबाद के माध्यम से होगा। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि व्यक्ति प्राकृतिक जीवन शैली अपनाते हुए प्राकृतिक औषधियों व विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से किसी भी प्रकार की बीमारी में अधिकतम अच्छे परिणाम हासिल कर सकता है। नेचुरापेथी, योगा, आयुर्वेद, फिजियोथेरेपी, ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन जैसे एक्यूपंचर, एक्यूप्रेशर, कपलिंग थैरेपी, म्यूजिक थेरेपी आदि के माध्यम से यहां उपचार किया जाएगा। जो लोग केवल इस थेरेपी को एक्सपीरियंस करना चाहते हैं वे तीन दिन के लिए तथा जो किसी भी प्रकार की थेरेपी लेना चाहते हैं वे 10 से 15 दिन जैसा भी चिकित्सक सलाह हो, उसके अनुसार यहां रह सकते हैं। यहां 35 बीघा में 20 कॉटेज की फेसिलिटी है 40 गेस्ट रह सकते हैं। भविष्य में 60 कॉटेज तक की फेसिलिटी विकसित की जाएगी।
नलवाया ने बताया कि राजस्थान के पहले नेचर थैरेपी राजबाग हॉलिस्टिक वेलनेस सेंटर में सबसे पहले यहां आने वालों की बीएमआई मशीन से 40 पेज की रिपोर्ट निकाली जाएगी ताकि यह पता चल सके कि किस तरह की थैरेपी देनी है, कौनसा फूड देना है। यहां के रेस्टोरेंट में हर व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत मैन्यू तय होगा जो उनकी जरूरतों व बॉडी की रिक्वायरमेंट के अनुसार होगा। योगा, मेडिटेशन सेंटर, पिरामिड मेडिटेशन, लेवरेंथ गार्डन आदि भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां आने वाला किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेगा, मोबाइल की परमिशन भी कुछ समय के लिए ही होगी। हर बीमार अपनी लाइफ स्टाइल के कारण होती है। यहां पर हम लाइफ स्टाइल में बदलाव के साथ ही अन्य सहायक थैरेपी की मदद से हीलिंग करेंगे। यहां वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही दो एनिकट जिसमें एक मेडिकेटेड एनिकट है, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, स्टाफ रेजिडेंशियल है। स्प्रिच्यूअल एनर्जी पर भी काम करेंगे। कॉस्मिक एनर्जी, जियो एनर्जी से मिल कर हमारा जीवन चलता है। ट्रेनर उस उर्जा विज्ञान के जानकार हैं, जीवन में अमेजिंग परिवर्तन आएगा। जिनको दवाई नहीं लग रही है, उनकी बॉडी व कॉस्मिक एनर्जी डिस्र्ब होती हैं उसको उचित मार्गदर्शन द्वारा व्यवस्थित किया जा सकता है।
इस अवसर पर प्रेमदेवी नलवाया, आनंद सिंह राठौड़, राघवेन्द्रसिंह राठौड़, जितेन्द्रसिंह राठौड़, हिम्मतसिंह चौहान, निष्काम दिवाकर, सावन कुमार चायल, सुमित गोयल, महिपाल सिंह, अश्विनी सिसोदिया, डॉ. तुक्तक भानावत, महेन्द्रपाल सिंह, भूपेन्द्र बाबेल, जितेन्द्र आंचलिया, सुरेश नाहर, रूपेश मेहता, राजकुमार फत्तावत, गौरीकांत शर्मा, विनयदीपसिंह कुशवाह, सुनील टेलर, मयूरध्वज सिंह, बनाराम चौधरी, राजेन्द्रसिंह राव, शांतिलाल सिंघवी, नितुल चंडालिया, प्रकाशचंद्र मेनारिया, लोकेश कुमार, आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।