जयपुर। राजस्थान के मुख्यमत्री भजनलाल शर्मा की कैबिनेट की आज हुई बैठक में राजस्थान में पेट्रोल डीजल की कीमतें कम करने का निर्णय किया है। ये दरे शुक्रवार सुबह से लागू हो जाएगी।
सरकार ने वैट में 2 प्रतिशत कटौती की है। इससे पेट्रोल के रेट में 1 रुपए 40 पैसे से लेकर 5 रुपए 30 तक कीमते कम होगी। डीजल के रेट 1 रुपए 34 पैसे से लेकर 4 रुपए 85 पैसे तक कम हाेंगे।
सीएम शर्मा ने कहा कि अभी तक राजस्थान के अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के रेट अलग-अलग थे, उस विसंगति को भी सरकार ने दूर कर दिया है, अब हर ज़िले में एक ही रेट होगा। अभी जिस ज़िले में पेट्रोल-डीजल के रेट पहले से ज्यादा थे, वहां ज्यादा पैसा कम होगा, वहीं जिस जिले में रेट कम है, वहां कम पैसे घटेंगे।
शर्मा ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर कम हुई कीमतें शुक्रवार सुबह 6 बजे से लागू होंगी। इससे राज्य सरकार के ऊपर 1500 करोड़ रुपए का भार आएगा।
कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ाया। गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाया था। इसके बाद राज्य सरकार ने भी यह फैसला लिया। इससे राज्य सरकार पर 1639 करोड़ रुपए का भार आएगा। राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता 46 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है।
12 लाख 40 हजार सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनरों के मंहगाई भत्ते में वृ़िद्ध
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी कार्मिकों एवं पेंशनर्स को संबल देने के लिए केन्द्र सरकार के अनुरूप मंहगाई भत्ते में 4 प्रतिशत वृद्धि करने का निर्णय किया है। इससे मंहगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा। प्रदेश के 8 लाख कर्मचारी एवं 4 लाख 40 हजार पेंशनर इस निर्णय से लाभान्वित हांेगे। मंहगाई भत्ते की बढ़ी हुई दरें 1 जनवरी 2024 से प्रभावी होंगी। कर्मचारियों को मार्च 2024 के वेतन (देय अपै्रल 2024) से बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का नकद भुगतान किया जाएगा। जनवरी एवं फरवरी माह की राशि संबंधित कर्मचारियों के जीपीएफ, जीपीएफ-2004 अथवा जीपीएफ-एसएबी खातों में जमा की जाएगी। सरकारी कार्मिकों एवं पेंशनर्स को यह राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार 1640 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त वित्तीय भार वहन करेगी। पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों को भी बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का लाभ मिलेगा।
प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में होगा सवा दो लाख करोड़ रूपए का निवेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है। तीन साल बाद राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्र सरप्लस की स्थिति में आ जाएगा और प्रदेश बिजली खरीदने के स्थान पर दूसरे राज्यों को बिजली बेचने में सक्षम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस क्रम में बीते दिनों 3 हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं एवं 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए गए है। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर उर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये गये हैं। इसमें 100 मेगावाट टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया के तहत 2.62 पैसे प्रति यूनिट तथा 500 मेगावाट एमएनआरई की सीपीएसयू स्कीम के तहत 2.57 पैसे प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी। श्री शर्मा ने बताया कि 4 ग् 800 मेगावाट कोल आधारित परियोजना, 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया माध्यम से करने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। इन परियोजनाओं की स्थापना से लगभग 64,000 करोड़ रूपये का निवेश अपेक्षित है। इस प्रकार प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में कुल करीब सवा दो लाख करोड़ रूपए का निवेश होगा।
सड़कों के लिए सीआरआईएफ के अंतर्गत 1357 करोड़ स्वीकृत
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सीआरआईएफ के अंतर्गत राजस्थान में 31 प्रमुख जिला सड़कों और राज्य राजमार्गों को चौड़ा और सुदृढ़ करने के लिए 972.80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए है। साथ ही, सीआरआईएफ के अंतर्गत सेतु बंधन योजना के तहत विभिन्न जिलों में 07 आरओबी, आरयूबी, फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के लिए 384.56 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।