जयपुर। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण सुधार के लिए यह जरूरी है कि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी तथा शिक्षक नियमित रूप से आए। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए, जिससे विभाग स्तर पर इनके नियमित आने की लगातार मॉनीटरिंग की जा सके।
यादव शुक्रवार को शिक्षा संकुल में राजस्थान उच्चतर शिक्षा परिषद् की चौथी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस परिषद् का गठन विद्यार्थियों तक उच्च शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने, इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं की गुणवत्ता सुधारने तथा जवाबदेही तय करने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि परिषद् के हितधारकों के सभी सुझावों को अमल में लाने का प्रयास विभाग द्वारा किया जाएगा। उन्होंने आह्वान किया कि राज्य उच्च शिक्षा में ऐसे मुकाम पर पहुंचे जिसका अन्य राज्य भी अनुसरण करें।
श्री यादव ने कहा कि मुख्य मंत्री द्वारा चिंतन शिविर में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्वि के प्रति व्यक्त प्रतिबद्धता तथा सरकार द्वारा पिछले चार वर्षो में उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्यात्मक अभिवृद्धि से उच्च शिक्षा नये आयामों को प्राप्त करेगी। उन्होंने विभागीय उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2018 तक राज्य में सामान्य शिक्षा के 250 महाविद्यालय थे जबकि गत चार वर्ष में 211 नए कॉलेज और 42 नए कृषि महाविद्यालय खोले गए है। साथ ही दिव्यांग जनों के लिए राज्य में पहली बार मूकबधिर महाविद्यालय खोला गया है। उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए महाविद्यालयों में सेमेस्टर परीक्षा प्रणाली तथा विकल्प आधारित क्रेडिट सिस्टम को लागू करने की दिशा में जरूरी प्रयास तथा बदलाव करने होंगे।
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री भवानी सिंह देथा ने कहा कि विभाग द्वारा उच्च शिक्षा में सुधार के लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना सहित विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनसे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलने की संभावनाएं बनेंगी। उन्होंने कहा कि विभाग एनएएसी से ग्रेड प्राप्त करने के लिए महाविद्यालयों की लगातार मॉनीटरिंग कर रहा है, परिणामस्वरूप विभिन्न महाविद्यालयों ने एनएएसी से ग्रेड प्राप्त की है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान(रूसा) के कार्यों को गति दी जायेगी एवं रूसा लाभार्थी संस्थाओं की थर्ड पार्टी ऑडिट करवायी जायेगी।
राजस्थान राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक में संकल्प किया गया कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षण नीति 2020 के मुख्य घटकों में से सी.बी.सी.एस. 2023-24 से, बहु विषयक स्नात्तक डिग्री कार्यक्रम, मल्टी एण्ट्री एण्ड एक्सिट 2025 से लागू किया जायेगा।
इस अवसर पर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.एल. श्रीवास्तव तथा हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधि राजीव सहित समिति के सभी हितधारकों ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सुझाव दिए। बैठक में राजस्थान राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की कार्यप्रणाली, विभागीय योजनाओं, उपलब्धियों तथा नवाचारों को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से दिखाया गया। इस अवसर पर आयुक्त, कॉलेज शिक्षा श्री सुनील शर्मा, राजस्थान राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् के उपाध्यक्ष प्रो. डी. एस. चूंडावत एवं सदस्य सचिव प्रो. संजय लोढ़ा तथा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की संयुक्त निदेशक डॉ. श्रुति गुप्ता सहित विभाग के सभी अधिकारी मौजूद रहे।