उदयपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने के चंपाबाग की जमीन को लेकर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह पर लगातार अनर्गल बयान देने के आरोप लगाते हुए उनको निशाने पर लिया।
टिप्पणी व्यक्त करते हुए उन्हें व्यक्तिगत पत्र लिखकर कटारिया ने बताया कि प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह पिछले कुछ दिनों से चंपा बाग की जमीन को लेकर इस प्रकार से वक्तव्य दे रहे हैं उनसे उनकी प्रार्थना है कि चंपा बाग की भूमि विश्वविद्यालय को ही मिले।
कटारिया ने उन्हें बताया कि इस विषय को सबसे पहले उन्होंने राजस्थान विधानसभा में सदस्य होने के नाते सन 1978 -79 मैं पहल करके उठाया। विधानसभा की प्रोसिडिंग व विधानसभा की कार्रवाई से प्रोफेसर अमेरिका से चाहे तो रिकॉर्ड जुटा सकते हैं। लंबे समय तक विश्वविद्यालय के छात्रों व विद्यार्थी संघो ने भी यह भूमि विश्वविद्यालय को मिले इसके लिए कई आंदोलन भी किए लेकिन भूमि प्राप्त करने के लिए जो अधिग्रहण की कार्रवाई होनी चाहिए थी लंबे समय तक ना तो विश्वविद्यालय सफल हुआ और ना ही यूआईटी सफल हुई।
उक्त मामला उच्च न्यायालय जोधपुर में भी है। जोधपुर की सिंगल बेंच ने भी एडमिशन की कार्रवाई स्टे को कंफर्म किया। अब लड़ाई न्यायालय,यूआईटी व विश्वविद्यालय की है। कृपा करके प्रोफेसर अमेरिका सिंह सारे रिकॉर्ड देख कर के अगर इस प्रकार के वक्तव्य दें तो एक शिक्षाविद के लिए सम्मानजनक होगा।
प्रोफ़ेसर अमेरिका द्वारा उन पर(कटारिया) इस जमीन पर अनधिकृत कब्जा करने का जो आरोप बार-बार लगा रहे हैं कटारिया ने कहा कि वे उन्हें ही अपना न्यायधीश बनाते है। अगर इस भूमि पर उनके व उनके परिवार के किसी का भी कोई कब्जा हो वह यह प्रमाणित कर दे तो वे उनके निर्णय के आधार पर ही विधानसभा की सदस्यता छोड़ देंगे या फिर वह (कुलपति प्रो अमेरिका सिंह) इसमें असफल रहते हैं तो वह मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति के पद को छोड़कर अपने घर लौट जाएं। अगर वह स्वयं जांच नहीं करते हैं तो वह न्यायिक अधिकारी व सीबीआई जांच करना चाहे तो भी वह उनके निर्णय का स्वागत करेंगे।