नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए ने द्रौपदी मूर्म को अपना उम्मीदवार घोषित किया। हम यहां उनके राजनीतिक सफर के बारे में पूरी जानकारी बता रहे है। इससे पहले यह जरूर बता देते है कि मंगलवार की रात को नई दिल्ली में भाजपा की बैठक में अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रोपदी मूर्म के नाम का ऐलान किया।
जानिए द्रौपदी मुर्मू के पूरे सफर को
- मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर की रहने वाली हैं।
- मुर्मू 64 साल की हैं।
- -आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वालीं द्रौपदी मुर्मू छह साल एक महीने तक झारखंड की राज्यपाल रही हैं।
- मुर्मू ने 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था।
- 2000 में वह ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं।
- द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं।
-2007 में नीलकंड पुरस्कार से सम्मानित की गई - द्रौपदी मुर्मू 18 मई 2015 को झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनाई गई थीं और 12 जुलाई 2021 तक इस पद पर रहीं।
- द्रौपदी को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा साल के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया
- द्रौपदी मुर्मू भाजपा ओडिशा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष भी रहीं।
मुकाबला यशवंत सिन्हा से
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उतारा गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।