खाचरियावास ने भाजपा की नीतियों पर बरसते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर जो रवैया अपना रखा है, वह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण देश का किसान सड़कों पर सोने को मजबूर है। दो महीने से अधिक जारी प्रदर्शन में हमारे कई किसान मारे गए, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। अब इस आन्दोलन की गूंज विदेशों में भी सुनाई पड़ने लगी है। सरकार ने किसानों को रोकने के लिए नुकीले कीलें तक बिछा दी। भाजपा के लोग देश के किसानों को कमजोर समझने की भूल न करें। कांग्रेस पार्टी का हर कार्यकर्ता किसानों के हर दुःख-सुख में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। भाजपा के लोग जनता को भ्रमित करने एवं झूठ बोलने में माहिर है। भाजपा सरकारें जब भी सत्ता में आती है, देश में साम्प्रदायिक सद्भाव के धागे कमजोर टूटने लगते हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी में हर कौम के लोग अपनी बात मंच पर रखते हैं। कांग्रेस पार्टी सभी कौमों की पार्टी है।
बैठक को सम्बोधित करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री डाॅ. गिरिजा व्यास ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार की नीतियों से आज देश की जनता त्राहि माम कर रही है। केन्द्र की गूंगी-बहरी सरकार को जोरदार तरीके से जवाब देना होगा। केन्द्र सरकार ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी है। सरकार ने एक तरीके से अघोषित तानाशाही रवैया अख्तियार कर लिया है, उसके खिलाफ कोई भी बोलेगा तो उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
बैठक को शहर कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष गोपाल शर्मा, देहात अध्यक्ष लालसिंह झाला, पूर्व प्रदेश सचिव पंकज कुमाार शर्मा, त्रिलोक पूर्बिया, पूरण मेनारिया, फतहसिंह राठौड़, रियाज हुसैन, अर्जुन राजोरा, गणेश राजोरा, नजमा मेवाफरोश, बाबूलाल जैन, दिनेश श्रीमाली, सिद्धार्थ सोनी,निवर्तमान कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज अहमद शेख ने भी सम्बोधित किया।