उदयपुर। नीलकंठ आईवीएफ फर्टीलिटी एंड टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर द्वारा रविवार को आईवीएफ बेबीज कार्निवल का आयोजन 100 फीट रोड़ स्थित योइस होटल में किया गया।
नीलकंठ आईवीएफ के डॉ. आशीष सूद एवं डॉ. सिमी सूद ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट थे। सम्माननीय अतिथि आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर डॉ. विपिन माथुर एवं राजस्थान सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट के जोइंट डायरेक्टर डॉ. जुल्फीकार ए. काजी एवं विशिष्ट अतिथि फर्टी 9 के एक्ज्यूकेटिव डायरेक्टर एवं सीईओ विनेश गढ़िया थे।
कार्यक्रम में सेलिब्रेटी अतिथि के रूप में अभिनेत्री एवं ब्लॉगर चारू असोपा भी आई। असोपा जो देवों के देव… महादेव में राजकुमारी रेवती, बालवीर में सबसे पसंदीदा अटखाती परी, मेरे अंगने में प्रीति श्रीवास्तव, जीजी मां में श्रावणी ‘पियाली’ पुरोहित और कैसा है ये में मृदुला के किरदार के लिए जानी जाती है।
डॉ. सूद ने बताया कि कार्यक्रम में नीलकंठ आईवीएफ द्वारा होने वाले सभी आईवीएफ बेबीज को आमंत्रित किया गया जो भारत के कोने-कोने से उदयपुर पहुंचे। कार्यक्रम में बच्चों एवं उनके अभिभावकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य नि:संतानता से जुड़ी गलत धारणों को दूर करना और यह समझाना है कि आईवीएफ के बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह ही होते हैं।
कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए बच्चों के लिए स्पेशल गेम जोन भी बनाया गया जिसमें मैजिक शो, ट्रामपॉलिन, टैटू आर्ट, नेल आर्ट, रिमोट कार आदि गेम्स शामिल थे। कार्यक्रम में बच्चों के कार्टून कैरेक्टर भी अलग-अलग वेशभूषा में उपस्थित रहे।
ये बच्चे आगे बढ़े, नाम कमाएं : राजेंद्र भट्ट
मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने इस अवसर पर नीलकंठ हॉस्पिटल परिवार को बधाई देते हुए कहा कि यहां से कितने ही परिवारों को खुशियां मिली है, उनके जीवन में आई एक रिक्तता को पूर्ण किया है उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने मंच के सामने बैठे हुए बच्चों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये बच्चे खूब पढ़ाई करेंगे और आगे जाकर कोई डॉक्टर कोई अच्छे पद पर जाकर नाम कमाएंगे। वे बोले यही बच्चे आगे जाकर किसी मंच पर मुख्य अतिथि की भूमिका में होंगे। उन्होंने कहा कि नीलकंठ हॉस्पिटल ने परिवारों में खुशियां बांटने का जो काम शुरू किया है वह सिलसिला थमना नहीं चाहिए वह चलते रहना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने नीलकंठ हॉस्पिटल परिवार को विश्वास दिलाया कि अगर इस संबंध में कोई भी समस्या आए तो जिला प्रशासन आपके साथ खड़ा है।
आईवीएफ बहुत ही चेलेजिंग काम है : डॉ माथुर
डॉ विपिन माथुर ने कहा कहा कि आईवीएफ बहुत ही चेलेजिंग काम है। निसंतान दंपतियों में बहुत बड़ी निराशा का भाव होता है वह बहुत बड़ी मानसिक परेशानियों से गुजरते हैं। इसका समाधान हॉस्पिटल ने दिया है और दे रहा है। शहर शहर गांव गांव जाकर इन्होंने आईवीएफ के प्रति जो जन जागरूकता फैलाई उसी का परिणाम है कि आज निसंतान दंपतियों के घर में खुशी के फूल खिले हैं, उनके चेहरे पर मुस्कान आई है और उनके घर में खुशियां बिखरी है। भविष्य में और भी अच्छे कार्य करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करें ऐसी भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी।
ये खास दिन जश्न का दिन : डॉ जुल्फिकार अली काजी
डॉ जुल्फिकार अली काजी ने कहा कि आज वाकई में उत्सव का दिन है। नीलकंठ हॉस्पिटल ने निसन्तान परिवारों के जीवन में आए सूनेपन को दूर करने का काम किया है। आज का दिन उन परिवारों के लिए जश्न का दिन है और जश्न मनाना भी चाहिए। उन्होंने नीलकंठ हॉस्पिटल परिवार से आह्वान किया कि वह भविष्य में इसी तरह गुणवत्तापूर्ण तरीके से जनता की सेवा करते रहे। उन्होंने यह भी कहा की उदयपुर संभाग आदिवासी एवं गरीब तबके का है इसलिए ऐसे लोगों के जीवन में खुशियां बांते समय उनका विशेष ध्यान रखें।
सेलिब्रिटी चारू आसोपा खुशी के माहौल के बीच हुई भावुक
सेलिब्रिटी अतिथि चारू आसोपा ने कहा कि वह बेबी कार्निवल में शामिल होने के लिए वह बहुत ही उत्साहित थी। आज यहां आकर उन्होंने जो देखा और जाना उससे वह बहुत ही खुश है और भावुक भी है। उन्हें आईवीएफ के बारे में पहले कोई ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन इसके बारे में जब मैंने जाना तो मुझे महसूस हुआ कि वाकई में निसंतानता का दुख क्या होता है। वह भी एक मां है। मां के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी वह अपने काम से घर को लौटती है और बेटा जब सामने आता है तो उसकी मुस्कुराहट देखकर वह सारे गम दुख और थकान को भूल जाती है। एक बेटे को देखकर मन की खुशी कैसी होती है यह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। आज जो भी दंपत्ति नीलकंठ हॉस्पिटल आईवीएफ से लाभान्वित हुए हैं उनके चेहरे पर खुशी देखकर वह बहुत ही भावुक है।
यहां पर खुशियों का मेला है : गढिया
विनेश गढ़िया ने अपने विचार रखते हुए कहा कि वह भी 30 साल से आईवीएफ से जुड़े हैं। यह बहुत ही मुश्किल काम है लेकिन यह जिस तरह से चारों ओर खुशियां बिखेरने का काम करता है वह अद्भुत है। यह खुशियों की जगह है और आज यहां पर खुशियों का मेला है।
हमने शुरूआत की तब आईपीएफ की इतनी जानकारी नहीं थी
समारोह में स्वागत उद्बोधन देते हुए डॉक्टर सीमी सूद ने आए हुए सभी अतिथियों एवं दंपतियों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने नीलकंठ हॉस्पिटल कि अब तक की यात्रा के बारे में बताते हुए कहा थी 2003 में उदयपुर से इसकी शुरुआत हुई। प्रारंभिक काल में जब यह शुरू हुआ तब लोगों को आईवीएफ के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जिन्हें जानकारी थी भी सही तो वह आईवीएफ से घबराते थे और इस तरफ नहीं बढना चाहते थे। ऐसी विकट परिस्थितियों के चलते उन्होंने संकल्प किया कि वह शहर शहर गांव गांव जाएंगे और आईवीएफ के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। धीरे-धीरे उनका यह प्रयास धरातल पर आया और निसंतान दंपतियों की इसमें रुचि बढ़ती गई। इसी के चलते 2007 में आईवीएफ शुरू किया गया। आज 25000 से ज्यादा बच्चे आईवीएफ से दुनिया में आकर के मुस्कुरा रहे हैं।
अंत में डॉक्टर आशीष चौधरी सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देशभर से जितने भी दंपति यहां पर आए हैं और जो नीलकंठ हॉस्पिटल से लाभान्वित हुए हैं वह इस परिवार का हिस्सा है और हमेशा रहेंगे। इस अवसर पर उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी।
हमारा आदर्श वाक्य ‘मातृत्व के सपने को साकार’ करना
इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. आशीष सूद ने बताया कि नीलकंठ फर्टिलिटी एंड वुमन केयर हॉस्पिटल की स्थापना डॉ. सिमी सूद ने की जिन्होंने यह सपना देखा था कि राजस्थान के हर एक नि:संतान दम्पतियों को आई.वी.एफ प्रक्रिया के बारे में जागरूक कर उनके माता-पिता बनने का सपना साकार कर सकें। इसी सोच के साथ नीलकंठ हॉस्पिटल की स्थापना 2007 में की गई जो अपने आदर्श वाक्य ‘मातृत्व के सपने को साकार’ करने के अनुरूप आज दिन तक हजारों निसंतान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कान ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि डॉ. सिमी सूद 20 से भी अधिक वर्षों के लम्बे अनुभव के साथ दक्षिण राजस्थान में सहायक प्रजनन के क्षेत्र में अग्रणी हैं। उन्हें दक्षिण राजस्थान के ‘प्रथम टेस्ट ट्यूब बेबी’ देने का श्रेय जाता है। आई.वी.एफ के क्षेत्र में उन्हें टाइम्स हेल्थ अचीवर अवार्ड और वीमेन ऑफ सब्सटेंस अवार्ड दिया गया है।
हमारा उद्देश्य ग्रामीण आबादी तक उचित कीमत पर इलाज उपलब्ध कराना
डा. सिमी सूद ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य आई.वी.एफ उपचार को ग्रामीण आबादी तक उचित कीमत पर आसानी से उपलब्ध कराना है। उन्होंने प्रचलित मान्यताओं से आगे सोच ने की हिम्मत की और आज तक नीलकंठ फर्टिलिटी अस्पताल हजारों निसन्तान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कुराहट ला चुका है। रोगियों के मुस्कुराते चेहरों ने हमें अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सफलता दर हासिल करने में मदद की है। साइंटिफिक डायरेक्टर और हमारे एआरटी सेंटर का मुख्य आधार है। इनका लक्ष्य, निसंतानता, प्रजनन संरक्षण और विभिन्न वैज्ञानिक उपचार विकल्पों के बारे में जागरूकता फैलाना है ताकि हर एक रोगी की आवश्यकता के अनुरूप उच्चस्तरीय तकनीक द्वारा आधुनिक व गुणवक्तायुक्त स्वास्थ सेवाएँ प्रदान की जा सके।
राजस्थान के पांच शहरों में सेंटर संचालित
सूद ने बताया कि राजस्थान के पांच बड़े-बड़े शहरों में हमारे सेंटर चल रहे हैं। आज देश भर से निसंतान दम्पत्ति नीलकंठ हॉस्पिटल में अपना इलाज कराने आते हैं और यहां से खुशियां लेकर जाते हैं। उनका विश्वास ही हमारी पूंजी है। हम अच्छी क्वालिटी और बेहतर सुविधाओं के साथ कभी समझौता नहीं करते हैं। आज हर तरफ एक ही आवाज है कि नीलकंठ है तो सब मुमकिन है।