उदयपुर। साधुमार्गी जैन संघ के जैनआचार्य रामेश का 2022 का चातुर्मास “राम महोत्सव ” के रूप में उदयपुर में चल रहा है। हिरणमगरी सेक्टर 4 जैन स्थानक भवन में आचार्य रामेश के सानिध्य में तप , त्याग , ज्ञान, ध्यान के साथ दो जैन भागवती दीक्षा का कार्यक्रम घोषित हुआ है। पूर्व में 6 जुलाई को एक दीक्षा अनमोल श्री महाराज की तथा 3 अगस्त को 3 जैन भागवती दीक्षा भी हूई । अब मुमुक्षु दिव्या पारख व मुमुक्षु कविता बुच्चा दोनों की भव्य दीक्षा 22 अगस्त को आचार्य रामेश के मुखारविंद से होगी जिसके तहत होने वाली दीक्षा महोत्सव के उदयपुर में कार्यक्रम प्रस्तावित कर दिए गए है।
22 अगस्त’ 22 को मुमुक्षु बहन सुश्री कविता बुच्चा व मुमुक्षु बहन सुश्री दिव्या पारख के दीक्षा के तहत 20 अगस्त को मेहंदी- अतिथि भवन, जैन स्थानक, सेक्टर 4 पर, दिन में 12.15 बजे से होगी। महिला चौबीसी सामुदायिक केंद्र, सेक्टर 4 पर समय 2 से 3 बजे तक होगी। रक्षाबंधन – अतिथि भवन, जैन स्थानक, सेक्टर 4 पर रात्रि 8 बजे से। इसी प्रकार 21 अगस्त को ओगाबंधाई एवं केसर छंटाई, प्रवचन पश्चात – प्रवचन स्थल पर तथा अभिनंदन समारोह – अटल सभागार, सामुदायिक केन्द्र, सेक्टर 4 पर दोपहर 3.45 बजे से होगा। 22 अगस्त को मुंडन – महावीर जैन स्कूल, जैन स्थानक, सेक्टर 4 के पास, महानिष्क्रमण यात्रा दीक्षा विधि – शुभ मुहूर्त में सूर्योदय पश्चात, जैन स्थानक, सेक्टर 4 प्रवचन स्थल पर होगी। शुभ मुहूर्त में दीक्षा आचार्य रामेश द्वारा नियत विधि से प्रदान की जाएगी।
जानिए मुमुक्षु के बारे में
मुमुक्षु सुश्री दिव्या पारख , बीकानेर (गंगाशहर)
- नाम – सुश्री दिव्या पारख
- पिता – हनुमान मल जी पारख
- जन्म स्थान – देशनोक , राजस्थान
- जन्म तिथि – 22 मई 1998
- वर्तमान निवास – गंगाशहर , बीकानेर , राज
- व्यावहारिक शिक्षा – बी .सी. ए.
- धार्मिक ज्ञान – आगम , श्रीमद्उत्तराध्यन सूत्र , श्रीमद्द दशवेकालीक सूत्र, श्रीमद्नंदीसूत्र , पुच्छिसुणं , भक्तामर , कर्म ग्रन्थ अध्ययन , जैन सिद्धान्त बत्तीसी , हेमचन्द्राचार्य प्राकृत व्याकरण प्रथम पाठ
- धार्मिक अध्ययन – आरुग्यबोहिलाभम् से
- वैराग्यकाल – 5 वर्ष
- दीक्षाप्रदाता – आचार्यश्री रामलाल जी मसा.
मुमुक्षु कविता बुच्चा , देशनोक
- जन्म स्थान – देशनोक ,राजस्थान
- पिता – मोतीलाल जी बुच्चा
- जन्म तिथि – 27 अक्टुबर 1993
- व्यवहारिक शिक्षा – एम. काम.
- धार्मिक ज्ञान – श्रीमद् दशववैकालीक सूत्र, सुखविपाक , उत्तराध्ययन सूत्र , पुच्छिसुणं , लघुदण्डक , जीवधडा , कर्म ग्रन्थ , धार्मिक अध्ययन – आरुग्यबोहिलाभम् से
- वैराग्य काल – 5 वर्ष
- दीक्षा प्रदाता – आचार्यश्री रामलाल जी मसा.