डा. चिरायु पामेचा ने की रीढ़ की हड्डी की 3डी इमेजिंग और नेविगेशन की शुरुआत

उदयपुर। पीठ दर्द, हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस, स्कोलियोसिस और डिजनरेटिव डिस्क रोग सहित रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं को लेकर अब राजस्थान में 3डी इमेजिंग और नेविगेशन लाने को लेकर एक बड़ा प्रयास किया गया है। इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं और मरीजों के लिए यह बहुत कारगर साबित हो रही है।

यह बात उदयपुर के श्रीराम अस्पताल के ऑर्थोपेडिक स्पाइन सर्जन, ख्यात चिकित्सक डॉ. चिरायु पामेचा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में कही। उदयपुर में उन्होंने रीढ़ की देखभाल के इस परिवर्तनकारी दृष्टिकोण पर अपने विचार और अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमारे संस्थान ने 3डी इमेजिंग और नेविगेशन की शुरुआत रीढ़ की हड्डी के विकारों वाले रोगियों के लिए सटीक और न्यूनतम इनवेसिव उपचार विकल्प प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाई है। यह यहां के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होगी और हमारी जो सेवा की भावनाएं है उसमें एक नई शुरूआत है।

पामेचा ने बताया कि 3डी इमेजिंग तकनीक में रीढ़ की हड्डी और उसके आसपास की संरचनाओं की तीन-आयामी (3डी) छवियां बनाई जाती हैं। इससे चिकित्सकों को शरीर के भीतर की संरचनाओं को एक स्पष्ट और विस्तृत दृष्टिकोण मिलता है। उन्होंने बताया कि 3डी इमेजिंग से रीढ़ की हड्डी की अवस्था का सटीक विश्लेषण किया जा सकता है, जिससे समस्याओं की पहचान आसान हो जाती है। नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल सर्जन को अधिक सटीकता और विश्वसनीयता के साथ ऑपरेशन करने में मदद करता है और सर्जन को प्रत्येक कदम पर सही मार्गदर्शन देता है।

उन्होंने फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे रीयल-टाइम सटीकता सामने आती है। सर्जन को ऑपरेशन के दौरान रीढ़ की हड्डी और अन्य संरचनाओं के सटीक स्थान का पता चलता है। इससे वह बिना किसी गलती के उपकरणों को सही स्थान पर रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान इससे रक्तस्राव और अन्य जटिलताओं का खतरा कम होता है। इसके परिणामस्वरूप मरीज की रिकवरी भी तेज होती है।

सर्जिकल प्रक्रियाओं की सटीकता बढ़ेगी
डॉ. चिरायु पामेचा ने बताया कि यह तकनीक बेहतर परिणाम देने और रोगियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ सर्जिकल प्रक्रियाओं की सटीकता बढ़ाने, रिकवरी के समय को कम करने और समग्र रोगी परिणामों में सुधार करने की हमारी क्षमता को बढ़ाती है। यह अभिनव दृष्टिकोण हमें जटिल रीढ़ की हड्डी के मुद्दों को अधिक सटीकता और सुरक्षा के साथ संबोधित करने की अनुमति देता है।

रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं काफी प्रभावित कर सकती हैं
उन्होंने कहा कि पीठ दर्द, हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस, स्कोलियोसिस और डिजनरेटिव डिस्क रोग सहित रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को काफी प्रभावित कर सकती हैं और भारत में विकलांगता का प्रमुख कारण हैं। पारंपरिक उपचार विधियों में अक्सर लंबी और खुली सर्जरी शामिल होती है, इसमें लंबे समय तक ठीक होने में समय लग सकता है और जटिलताओं का जोखिम अधिक हो सकता है। इसके विपरीत, 3डी इमेजिंग और कंप्यूटर नेविगेशन गाइडेड स्पाइन सर्जरी कई लाभों के साथ रीढ़ की हड्डी का समाधान प्रदान करती है।

कैसे काम करती यह 3डी इमेजिंग और नेविगेशन

डॉ. पामेचा ने बताया कि 3डी इमेजिंग और नेविगेशन की सहायता से रीढ़ की सर्जरी या तो पारंपरिक खुले तरीके से या छोटे चीरों के साथ की जा सकती है जिसमें कम ऊतक क्षति और तेजी से उपचार शामिल है। कंप्यूटर सहायता प्राप्त नेविगेशन द्वारा प्रदान की गई बढ़ी हुई सटीकता जटिलताओं के जोखिम को कम करती है और सर्जिकल परिणामों को बेहतर बनाती है। नतीजतन, रोगियों को आमतौर पर अस्पताल में कम रहने की आवश्यकता होती है, जिससे सामान्य गतिविधियों में तेजी से वापसी होती है। कंप्यूटर सहायता प्राप्त नेविगेशन फोन में एक जीपीएस की तरह है जो आपको कम से कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में मदद करता है। इसी तरह नेविगेशन एक सर्जन को सर्जरी के दौरान सबसे आदर्श और सुरक्षित मार्ग का अनुसरण करने के लिए मार्गदर्शन करता है।

डॉ. पामेचा ने कहा कि श्रीराम अस्पताल, उदयपुर को रीढ़ की हड्डी की देखभाल में 3डी इमेजिंग और नेविगेशन-असिस्टेड स्पाइन सर्जरी में एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। यह अग्रणी पहल रीढ़ की हड्डी की समस्याओं के उपचार में एक महत्वपूर्ण छलांग साबित होने जा रही है, यहां आने वाले रोगियों के लिए। ये रोगियों को उपचार के लिए अधिक सुरक्षित, अधिक सटीक सर्जिकल विकल्प प्रदान करती है। ऐसी तकनीकों की मदद से रीढ़ की सर्जरी करवाने वाले मरीज़ सकारात्मक उपचार परिणाम और सर्जरी के बाद बेहतर रिकवरी का अनुभव कर सकते हैं। यह उन्नत दृष्टिकोण न केवल रोगी के परिणामों में सुधार करता है बल्कि राजस्थान में चिकित्सा नवाचार में अग्रणी के रूप में अस्पताल की स्थिति को भी मजबूत करता है।

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