इंदिरा आईवीएफ ने वर्ल्ड आईवीएफ डे से पहले भारत में पहली बार 85,000 सफल आईवीएफ प्रिग्नैंसीज हासिल किया


उदयपुर। भारत का सबसे बड़ा इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स चेन, इंदिरा आईवीएफ 85,000 सफल आईवीएफ प्रिग्नैंसीज पूरा करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर चुका है। अपने चिकित्सा विशेषज्ञों, इम्ब्रायोलॉजिस्ट्स और तकनीकी कौशल के दम पर, इस सिंगल स्पेशियाल्टी चेन ने वल्र्ड आईवीएफ डे से पूर्व इस उपलब्धि की घोषणा की।
इंदिरा आईवीएफ ने इनफर्टिलिटी से जुड़े कलंक को दूर करने के लिए अथक प्रयास किया है। यह 700 से अधिक शहरों में 2100 से अधिक जागरूकता शिविर आयोजित कर चुका है ताकि इस विषय से जुड़ी चर्चाओं को सामान्य रूप दिया जा सके। भारत में गर्भधारण करने की अक्षमता के लिए गैरआनुपातिक रूप से महिलाओं को जिम्मेादार माना जाता है, जबकि जबकि शोध से पता चला है कि इनफर्टिलिटी के लिए महिला और पुरुष दोनों ही भागीदार हो सकते हैं, कई बार तो बच्चा पैदा करने के लिए अवैज्ञानिक तरीकों का भी सहारा लेते हैं। इंदिरा आईवीएफ के देशभर में 96 केंद्र हैं, जिनकी प्रमुख उपस्थिति टियर 2 और टियर 3 शहरों में है, जो सबसे दूरस्थ स्थानों में भी बांझपन का एक सुलभ समाधान प्रदान करता है। मार्केट लीडर, इंदिरा आईवीएफ उन जोड़ों को किफायती गुणवत्तापूर्ण उपचार देने पर केंद्रित है जो स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने के लिए जटिलताओं का सामना करते हैं। इंदिरा आईवीएफ की उच्च सफलता दर और रोगी केंद्रितता ने इसे उन लोगों के लिए एक विश्वसनीय भागीदार बना दिया है जो माता-पिता बनने की इच्छा रखते हैं।
इंदिरा आईवीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक, डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि हम अपने रोगियों पर सकारात्मक प्रभाव डालने में सक्षम हैं, यह देखकर हमें खुशी होती है। जब हमने शुरुआत की थी, हम उस नजरिये को बदलना चाहते थे जो समाज के भीतर बांझपन को लेकर है, और हम रोमांचित हैं कि अधिकांश संख्याा में लोग इनफर्टिलिटी के लिए चिकित्सा समाधान ढूंढ रहे हैं। यह उपलब्धि इस बात का भी सबूत है कि महामारी की स्थिति में भी, रोगियों ने इलाज के दौरान अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम पर भरोसा किया। उन्होंने बताया कि विश्व आईवीएफ दिवस का अवसर प्रजनन प्रौद्योगिकी के इतिहास में एक उल्लेखनीय तारीख को दर्शाता है, 43 साल पहले 1978 में इसी तारीख को पहले आईवीएफ बच्चे का जन्म हुआ था। अब हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। तकनीकी हस्तक्षेप जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ऑटोमेशन को तह में शामिल करने से आईवीएफ उपचार की सफलता पर बहुत प्रभाव पडऩे की उम्मीद है। हम इस महान कार्य में अपनी छोटी सी भूमिका निभाने और माता-पिता बनने का सपना देखने वालों की सहायता करने के लिए उत्साहित हैं।

Related Posts

जन्माष्टमी पर पालड़ी महादेव मंदिर पर लगा मेला

उदयपुर। जन्माष्टमी पर सोमवार को बड़गांव क्षेत्र में स्थित वामेश्वर महादेव मंदिर (पालड़ी महादेव) पर पारंपरिक मेला लगा। मेले में बड़गांव की गवरी खास आकर्षण का केंद्र रही। अरावली की…

बच्चों ने भरे स्वतंत्रता के रंग

उदयपुर। रोटरी क्लब उदयपुर पन्ना की ओर से आयोजित किड्स ड्राइंग कंपीटीशन में 123 बच्चों ने भाग लिया।क्लब अध्यक्ष कुणाल भटनागर ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

लेकसिटी में एफएस पर वॉकथान में दौड़े सीनियर सिटीजन

  • November 10, 2024
  • 11 views
लेकसिटी में एफएस पर वॉकथान में दौड़े सीनियर सिटीजन

श्री सम्मेद शिखर जी में निकली भव्य शोभायात्रा में उमड़ी जनमेदिनी

  • October 22, 2024
  • 18 views
श्री सम्मेद शिखर जी में निकली भव्य शोभायात्रा में उमड़ी जनमेदिनी

दिव्यांग क्रिकेट चैंपियनशिप में गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु ,बंगाल, पंजाब, उड़ीसा, जम्मू , दिल्ली जीते

  • October 16, 2024
  • 22 views
दिव्यांग क्रिकेट चैंपियनशिप में गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु ,बंगाल, पंजाब, उड़ीसा, जम्मू , दिल्ली जीते

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने उदयपुर में सीपीसीबी 4+ डीजल जेनरेटर की नई रेंज लॉन्च

  • October 16, 2024
  • 25 views
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने उदयपुर में सीपीसीबी 4+ डीजल जेनरेटर की नई रेंज लॉन्च

खटीक समाज की राष्ट्रीय संगठन कार्यकारिणी की बैठक

  • October 16, 2024
  • 25 views
खटीक समाज की राष्ट्रीय संगठन कार्यकारिणी की बैठक

जानिए सलूम्बर उप चुनाव का पूरा शिड्यूल और कहां होगी मतगणना

  • October 15, 2024
  • 27 views
जानिए सलूम्बर उप चुनाव का पूरा शिड्यूल और कहां होगी मतगणना