उदयपुर। उदयपुर की सीए मानसी जैन ने अपने हुनर एवं काबिलियत के दम पर तकनीकी क्षेत्र में नवाचार करते हुए उदयपुर ही नहीं अपितु पूरे देश का नाम रोशन किया है। मानसी ने राजकोट के सीए पलक वसा एवं आईआईटी रूडकी के स्मित परसानिया के साथ मिलकर एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जो 3 महीने का ऑडिट मात्र 30 सेकंड में कर सकेगा। इस सॉफ्टवेयर का नाम है-आईऑडिट।
दक्षिण एशिया के टॉप 10 स्टार्टअप में शामिल
युवाओं की मेहनत और लगन से बने इस सॉफ्टवेयर को दक्षिण एशिया की टॉप 10 स्टार्टअप में शामिल किया गया है, जो विशेष उपलब्धि है। इस उपलब्धि के लिए प्रोत्साहन स्वरूप इन्हें 8 लाख रुपये का पुरस्कार मिला तथा गुजरात सरकार की ओर से इस स्टार्टअप की महत्वता को देखकर 30 लाख रुपये का अनुदान भी दिया है।
मानसी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन मेक इन इण्डिया को साकार करने के उद्देश्य से इस सॉफ्टवेयर को बनाया गया है जिससे तकनीकी क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा और समय की बचत के साथ ऑडिट जैसे कार्यों में सुलभता होगी। मानसी का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर बैंकिंग क्षेत्र के साथ ई-कॉमर्स एवं मल्टीनेशन कम्पनियों के लिए कारगर साबित होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में टेक्नोलॉजी की विशेष आवश्यकता है और इसी को ध्यान में रखकर उनकी टीम ने यह सॉफ्टवेयर बनाया है औ आगे भी नवाचार जारी रहेगा।
मानसी का परिचय
उदयपुर के सेक्टर 8 निवासी डोटिया अनिल जैन की पुत्री मानसी जैन की स्कूली शिक्षा सेन्ट मेरी स्कूल से पूर्ण की और प्रथम बार में सीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर मुंबई चली गई। वहां सीए की पढ़ाई में सफल होने के बाद विश्व के नामी संस्था ईवाई में 5 साल ऑडिट विभाग में अपनी कार्यकुशला के साथ दायित्वों की बखूबी निर्वहन किया। इस दौरान मानसी को एहसास हुआ की ऑडिट के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी की अत्यंत आवश्यकता हैं और यहीं से शुरू हुआ ‘आईऑडिट‘ का सफर।