उदयपुर। डिस्ट्रिक माइनिंग फाउंडेशन ट्रस्ट की गवर्निंग कमेटी की बैठक गुरूवार शाम जिला परिषद सभगार में कमेटी अध्यक्ष व जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पूर्व में स्वीकृत अप्रारंभ कार्यों को निरस्त करने तथा 400 करोड़ रूपए के नवीन कार्यों के प्रस्ताव लिए गए।
बैठक में उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा, खेरवाड़ा विधायक डॉ दयाराम परमार तथा धरियावाद विधायक थावरचंद डामोर भी मौजूद रहे।
प्रारंभ में माइनिंग इंजीनियर आरिफ अंसारी ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए डीएमएफटी की संरचना और गत वर्षों में हुए कार्यों की जानकारी दी। अंसारी ने बताया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2023-24 तक उदयपुर जिले में डीएमएफटी मद से 269 करोड़ के 1106 कार्य स्वीकृत हुए। इनमें से 237 कार्य पूर्ण हुए हैं। कई काम प्रगतिरत हैं और कुछ कार्य तकनीकी कारणों से शुरू नहीं हो पाए हैं। उन कार्यों की लागत भी अब बढ़ चुकी है।
बैठक में अप्रारंभ सभी कार्यों को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी जनप्रतिनिधियों और सदस्यों ने समर्थन किया। जिला कलक्टर ने उक्त कार्यों में से जो फिजिबल हों उनके नवीन प्रस्ताव विधायकगण की ओर से प्राप्त होने पर दोबारा स्वीकृत किए जाने की बात कही। जिला कलक्टर ने सभी जनप्रतिनिधियों व सदस्यों से डीएमएफटी के प्रावधान अनुसार पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अधिक से अधिक प्रस्ताव दिए जाने पर जोर दिया। बैठक में जिला परिषद सीईओ कीर्ति राठौड़, उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।
स्कूलों भवनों की मरम्मत, नवीन कक्षा कक्ष भी
बैठक में उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने जर्जरहाल विद्यालय भवनों की मरम्मत तथा आवश्यकता वाले विद्यालयों में नवीन कक्षा कक्ष निर्माण की पैरवी की। इस पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100-100 विद्यालय भवनों की मरम्मत के लिए 5-5 लाख रूपए स्वीकृत करने का प्रस्ताव लिया गया। साथ ही जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव अनुसार प्राथमिकता के आधार पर नवीन कक्षा कक्ष निर्माण की स्वीकृति जारी किया जाना भी तय किया।
पेयजल व्यवस्था पर भी फोकस
बैठक में पेयजल व्यवस्था पर भी विशेष फोकस किया गया। जिला कलक्टर ने जिले के सभी विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों पर पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जनप्रतिनिधियों की रायशुमारी के आधार पर प्रस्ताव तैयार करने के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके अलावा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100-100 नए हैण्डपंप के भी प्रस्ताव लिए। उदयपुर पेराफेरी के भुवाणा में पेयजल प्रबंधन के लिए करीब 4 करोड़ रूपए सहित तकरीबन 8.50 करोड़ के प्रस्ताव भी लिए।
यह भी लिए प्रस्ताव
बैठक में शहर विधायक ताराचंद जैन ने आयड़ नदी में हुए कब्जों को हटाने तथा दोबारा कब्जे न हो इसके लिए फेसिंग कराने की मांग रखी। इस पर फेसिंग कार्य के लिए प्रस्ताव लिए। इसके अलावा केसरियाजी में नदी पर बनी रपट पर बड़े यातायात के दबाव को देखते हुए 4 करोड़ रूपए की लागत से पुलिया निर्माण व सड़क सुदृढीकरण पर भी सहमति बनी। बडी स्थिति टीबी हॉस्पीटल में 150 बेड के नवीन ब्लॉक के लिए 10 करोड़ तथा टीबी हॉस्पीटल की चारदीवारी निर्माण के लिए भी प्रस्ताव स्वीकार किए गए। इसके अतिरिक्त भी कई अन्य कार्यों के प्रस्ताव लिए गए।
विभागीय कमेटी करेगी समसा के कार्यों की रिपोर्ट
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने समग्र शिक्षा विभाग के माध्यम से किए जा रहे कार्यों में से अधिकांश अधूरे होने की शिकायत की। इस पर समसा के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कार्य पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन एसडीएम लेवल कमेटी की रिपोर्ट के अभाव में अंतिम भुगतान बकाया है। इस पर जिला कलक्टर ने सदन की सहमति से विभागीय कमेटी से रिपोर्ट तैयार कर 5 दिन में प्रस्तुत किए जाने तथा रिपोर्ट के आधार पर बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए।
लागत बढ़ने पर चैयरमैन स्वीकृति के लिए अधिकृत
बैठक में बकाया कार्यों की समीक्षा के दौरान सामने आया कि कुछ कामों की लागत पूर्व में स्वीकृत राशि की तुलना में बढ़ गई है। ऐसे प्रकरणों का निस्तारण नहीं हो पाने से पेडेन्सी बढ़ी है। इस पर सदन ने प्रगतिरत कार्यों में मूल स्वीकृति से 20 प्रतिशत तक लागत बढ़ने पर उसकी रिवाईज सेंशन के लिए कमेटी चैयरमेन को अधिकृत करने तथा संशोधित स्वीकृति का अनुमोदन आगामी गवर्निंग कमेटी की बैठक में कराने का प्रस्ताव लिया।