उदयपुर। “इलेक्ट्रिक वाहनों एवं इलेक्टाॅनिक उपकरणों के बढते इस्तेमाल से आने वाले समय में बैट्री एवं ई-वेस्ट का निस्तारण करना एक प्रमुख चुनौति सिद्ध होगा। यूसीसीआई को औद्योगिक अपशिष्ट के साथ-साथ ई-वेस्ट के निस्तारण के लिये भी सुविधा का विकास करना चाहिये।“
उपरोक्त सुझाव यूसीसीआई में आयोजित बैठक के दौरान एमएसएमई अधिकारियों द्वारा दिये गये। एमएसएमई सेक्टर से जुडे विभिन्न सरकारी विभागों एवं उद्योग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ यूसीसीआई में एक बैठक का आयोजन किया गया।
मानद महासचिव श्री मनीष गलुण्डिया ने जानकारी दी कि भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारियों के लिए एमएसएमई अभिनव योजना पर एमएसएमई प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र, उदयपुर द्वारा 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के आरम्भ में उदयपुर के औद्योगिक एवं व्यावसायिक परिदृष्य के विषय में एमएसएमई अधिकारियों को जानकारी प्रदान करने हेतु यूसीसीआई के पदाधिकारियों के साथ की परिचर्चात्मक बैठक आयोजित की गई। एमएसएमई अधिकारियों का स्वागत करते हुए वरिष्ठ उपाध्यक्षा डाॅ. अंशु कोठारी ने यूसीसीआई की कार्ययोजना एवं गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के समन्वयक भारत सरकार के माईक्रो, लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय के एमएसएमई टीडीसी के उदयपुर विस्तार केन्द्र के उप-निदेशक श्री प्रवीण आर. जोशी ने एमएसएमई अधिकारियों को उदयपुर के औद्योगिक एवं व्यावसायिक परिदृष्य से अवगत कराया।
यूसीसीआई भवन एवं पर्यावरण पार्क के अवलोकन के दौरान मानद महासचिव श्री मनीष गलुण्डिया ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। देश के अलग-अलग राज्यों से आये एमएसएमई अधिकारियों ने यूसीसीआई द्वारा सम्भाग के औद्योगिक विकास के लिये किये जा रहे कार्यों की सराहना की।