उदयपुर। पुलिस विभाग के निर्देशन में युनिसेफ के सहयोग से संचालित कार्यक्रम अन्तर्गत उदयपुर रिजर्व पुलिस लाइन के सभागार में बाल संरक्षण विषयक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यशाला मंे पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने प्रतिभागियों को अपराधों से पीडि़त बच्चों के मामलों में अनुसंधान कार्यवाही में ज्यादा संवेदनशीलता और सामान्य प्रकरणों की तुलना में अधिक प्रयासों के निर्देश दिए।
उन्होने बताया कि बच्चों के साथ लैंगिक अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता के प्रयासों के साथ पीडि़त बालकों के साथ अनुसंधान प्रक्रियाओं में बाल मैत्री व्यवहार हेतु दिशा-निर्देश दिए। युनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार श्रीमती सिन्धु बिनुजीत ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पुलिस थानों पर बाल हेल्प डेस्क के संचालन तथा थाना क्षेत्रों में संचालित आवासीय संस्थानों, विद्यालयों आदि में बाल सुरक्षा के मुद्दों पर जानकारी देने और वत्सल वार्ताओं के आयोजन की बात कही। योग प्रशिक्षक राजू सिंह ने तनाव से मुक्त रहने के टिप्स किए।
विशिष्ट लोक अभियोजक चेतनपुरी गोस्वामी, पुलिस उपाधीक्षक श्रीमती चेतना भाटी नेे बालकों में लैगिक अपराधों से सुरक्षा तथा रिपोर्टिंग, साइबर सुरक्षा, यातायात सुरक्षा आदि की जानकारी दी।
कार्यशाला में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश भीलवाडा महेन्द्र कुमार दवे ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अर्न्तगत हितधारकों की भूमिका पर प्रशिक्षण दिया। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी पुष्पेन्द्र शर्मा ने भी विचार रखे। कार्यशाला में जिले के सभी पुलिस थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ के प्रभारी जीवतराम, संचित निरीक्षक सुमेर सिंह राठौड, कार्यक्रम टीम के जीतेन्द्र सिंह, आकाश उपाध्याय, भरत खोखर, सपना राठौड़, अभिजीत आदि उपस्थित थे।