उदयपुर। लोकतंत्र में चुने गए जनप्रतिनिधि आमजन की आवाज़ हैं एवं उनका विधानसभा या संसद में प्रभावी तौर पर कार्य करना बेहद जरुरी है। महिला जनप्रतिनिधि भी अपनी पूरी क्षमता और आत्मविश्वास के साथ आमजन के लिए कार्य कर सके इसलिए नेशनल जेंडर एवं चाइल्ड सेंटर (एनजीसीसी) लाबासना द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग के समन्वय से देश के विभिन्न राज्यों की महिला विधायकों की तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रेडिसन ब्लू में किया जा रहा है।
यह कार्यशाला ‘शी इज चेंजमेकर’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत ‘जेंडर रेस्पोंसिव गवर्नेंस’ विषय पर आयोजित की जा रही है जहां महिला जनप्रतिनिधियों का कौशल बढाने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यशाला में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र राज्यों की 25 महिला विधायक शामिल हैं। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिला विधायकों की क्षमता संवर्धन करना और उन्हें जागरूक करना है जिससे वे प्रभावी तौर पर अपना कर्तव्य निर्वहन कर सके।
सभी क्षेत्रों में आगे आएं महिलाएं: तेलंगाना राज्यपाल
तेलंगाना की राज्यपाल डॉ तमिलिसै सौंदरराजन द्वारा उदघाटन सत्र को संबोधित किया गया। उद्घाटन सत्र में तेलंगाना राज्यपाल सौंदरराजन ने महिला जनप्रतिनिधियों की देश निर्माण में भूमिका पर प्रकाश डाला और उन्हें महत्वपूर्ण स्तम्भ बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सभी क्षेत्रों में अब आगे आना चाहिए और समाज को उन्हें सहयोग देना चाहिए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा, दिशा पन्नू कार्यकारी निदेशक एनजीसीसी, उप निदेशक लबासना, एसोसिएट प्रोफ़ेसर लबासना अंजली चौहान एवं संगीता बिष्ट आदि उपस्थित रहे। लबासना के निदेशक श्रीनिवास कतिकिथाला वर्चुअल तौर पर कार्यक्रम से जुड़े।
हर महिला आज एक लीडर: शर्मा
राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कार्यशाला की महत्ता पर प्रकाश डाला एवं कहा कि हर महिला एक लीडर है बस उनमें निर्णय लेने की क्षमता, संवाद करने की क्षमता का विकास करना है। आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महिला जनप्रतिनिधियों में लीडरशिप क्वालिटी की अहमियत पर प्रकाश डाला और महिला विधायकों से आत्मविश्वास से भरपूर रहने की बात कही। दिशा पन्नू कार्यकारी निदेशक लबासना ने इस प्रशिक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला। आईआईएम प्रोफेसर अर्चना पाराशार ने महिला विधायकों के साथ