उदयपुर। एक अधिकारी की संवेदनशीलता के कारण एक 69 वर्षीय वृद्धा को त्वरित न्याय मिला और अब उसके बेटों को भरणपोषण करना होगा।
मामला है उदयपुर जिले के मावली ब्लॉक का। मावली एसडीएम सुनील शर्मा ने बताया कि वृद्धा ने प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई कि उसके दो बेटे हैं, लेकिन भरण पोषण में सहयोग नहीं कर रहे, जिस वजह से जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है। एसडीएम ने भी संवेदनशीलता दिखाई और त्वरित गति से महज़ 40 दिनों के अन्दर ही फैसला सुना कर दोनों बेटों को भरण पोषण के आदेश दिए और व्यक्तिगत रूप से भी आदेश की पालना हेतु पाबन्द कर दिया। एसडीएम द्वारा किये गए त्वरित न्याय की प्रशंसा हो रही है एवं वृद्धा को भी राहत मिली है।
यह है मामला:
दरअसल मावली एसडीएम सुनील शर्मा के पास मावली तहसील के सनवाड सदर बाज़ार निवासी 69 वर्षीय वृद्धा प्रेम सोनी पति स्व.रामेश्वर सोनी पहुंची और अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 अंतर्गत एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। वृद्धा ने बताया कि उसके दो पुत्र हैं। एक पुत्र भारत सोनी तहसील गिरवा के भैंसरोडगढ़ की हवेली स्थित मोती चौहटा में रहता है, तो वहीं दूसरा दशरथ सोनी पुत्र मावली के सनवाड में निवास कर रहा है। वृद्धा ने बताया कि जब उसने अपने दोनों पुत्रों से जीवनयापन के लिए खर्चा देने के लिए कहा तो छोटे पुत्र द्वारा लड़ाई-झगड़ा किया गया, जबकि उसके दो पुत्र एवं एक पुत्री हैं और ये तीनों ही भरण पोषण में सक्षम है। प्रार्थना पत्र को 31 मई को पंजीकृत करने के बाद नोटिस देकर दोनों बेटों को एसडीएम ने बुलाया। वृद्धा के पुत्र भरत सोनी ने बताया कि वह होमगार्ड होने के साथ इलेक्ट्रिक का काम करते हुए मासिक लगभग तीस हजार रूपए कमा रहा है एवं दूसरे बेटे दशरथ सोनी ने बताया कि वह एक फैक्ट्री में कार्यरत होकर नौ हजार रूपए मासिक कमा रहा है।
दोनों पुत्रों ने अपना पक्ष एसडीएम के सामने रखा। पुत्र भरत सोनी ने बताया कि उसकी माँ उसके साथ रहने को तैयार नहीं है, फिर भी वह अपनी हैसियत से कभी एक हजार तो कभी एक हजार पांच सौ रूपए माँ को भेज रहा है। इधर दूसरे पुत्र दशरथ सोनी ने बताया कि करीब पंद्रह दिन पहले ही माँ से किराए के घर से उसे बाहर निकाल दिया है और वह अलग रह रहा है। वह नौ हजार मासिक कमा रहा है जिसमें ज्यादा कुछ नहीं बच पा रहा है।
एसडीएम के आदेश पर अब करना होगा मां का भरण पोषण:
दोनों पक्षों की पीड़ा को सुनने के बाद एसडीएम ने फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि पुत्र भारत सोनी द्वारा उसकी वृद्ध माता प्रेम सोनी के हर माह 1500 रूपए उसके बैंक खाते में भेजे जाएंगे। इसी प्रकार दूसरे पुत्र दशरथ सोनी द्वारा माता की देखभाल, बीमार होने पर अस्पताल ले जाना, खिलाना-पिलाना आदि कार्य किए जाएंगे एवं मां को प्रतिमाह 1000 रूपए भी देंगे। एसडीएम ने दोनों बेटों को प्रति माह 10 तारीख से पूर्व ये राशि वृद्ध मां के खाते में डालने के आदेश दिए हैं।
बेटों को मां की घर पर ही करनी होगी सेवा:
एसडीएम ने यह भी आदेशित किया है कि वे वृद्ध मां की सार-संभाल, सेवा सुश्रुषा और इलाज का प्रबंध करेंगे एवं कभी उसे घर से बेदखल नहीं करेंगे। इसके साथ ही दोनों पुत्रों को आदेशित किया गया है कि वे वृद्ध मां को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त नहीं करेंगे एवं शांति से रहने देंगे। मावली उपखंड अधिकारी सुनील शर्मा ने थानाधिकारी फतहनगर और तहसीलदार मावली को भी इस आदेश की पालना हेतु पुत्रों को पाबन्द करने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम सुनील शर्मा द्वारा की गई इस त्वरित कार्यवाही एवं न्याय से वृद्धा को राहत मिली है और वह प्रशासन का आभार जता रही है।
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