उदयपुर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे समय में लोक कलाओं का यह पर्व हमारी विविधता में एकता की संस्कृति को दर्शाता है। सुदूर प्रांतों से विभिन्न रंग-बिरंगी वेशभूषा में इन कलाकारों को देखकर लग रहा है पूरा भारत शिल्पग्राम में ही एकत्र हो गया है।
राज्यपाल श्री मिश्र मंगलवार को उदयपुर के दस दिवसीय शिल्पग्राम महोत्सव के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि देश के 25 राज्यों के 400 लोक कलाकार इस उत्सव में भाग ले रहे हैं। लोक कलाओं को यह पर्व हमें एकता के धागे में पिरोए रखता है। शिल्पग्राम के इस भव्य आयोजन में भाग लेने देशभर से आए कलाकारों का पधारो म्हारे देश की संस्कृति वाला प्रदेश राजस्थान स्वागत और अभिनंदन करता है।
समारोह में राज्य के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि कला और संस्कृति हमारे देश और राज्य की पहचान है। उन्होंने इस अवसर पर राजस्थानी गीतों के उद्धरण से कहा कि हमारे गीतों से हमें पता चलता है कि कौन सा त्यौहार मनाया जा रहा है। उन्होंने फाग, कार्तिक, मगसर, बैसाख आदि के गीतों का जिक्र करते हुए राजस्थान की अनूठी संस्कृति का दर्शाया। वहीं इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न वाद्य यंत्रों की व्याख्या भी की। उन्होंने कहा कि शिल्पग्राम उत्सव जैसे आयोजन से कला और संस्कृति को नये आयाम मिलेंगे। समारोह में राज्यपाल ने परंपरागत रूप से नगाड़ा बजाकर इस दस दिवसीय उत्सव का विधिवत शुभारंभ किया।
लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड सौंपें
उद्घाटन समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा कला मर्मज्ञ डॉ. कोमल कोठारी की स्मृति में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड संयुक्त रूप से महाराष्ट्र के ठाणे के कला मनीषी डॉ. प्रकाश सहदेव खांडगे तथा राजस्थान के जयपुर से विजय वर्मा को प्रदान किया गया। समारोह में डॉ. खांडगे को राज्यपाल द्वारा शॉल ओढ़ा कर तथा रजत पट्टिका व राशि रू. एक लाख पच्चीस हजार पांच सौ का चैक प्रदान किया गया। विजय वर्मा स्वास्थ्य कारणों से समारोह में उपस्थित नहीं हो सके।
इससे पूर्व केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्सव की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उत्सव में देश के पच्चीस राज्यों के 1000 कलाकार और शिल्पकार भाग ले रहे हैं।
रंगमंच पर आयोजन से पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र उनकी पत्नी तथा परिजनों का शिल्पग्राम के मुख्य द्वार पर साफा व शॉल धारण करवा कर स्वागत किया गया। इसके बाद राज्यपाल ने गोल्फ कार्ट में हाट बाजार में बैठकर शिल्पकारों की कलात्मक वस्तुओं को निहारा। मुख्य द्वार पर ही कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. कल्ला, विधायक फूल सिंह मीणा तथा महापौर नगर निगम जी.एस. टांक का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया।
शिल्पांगन में थिरकी देशभर की लोक संस्कृति:
उद्घाटन अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक वाद्यों के समवेत सुर ताल पर कलाकारों ने अपनी थिरकन से समां बांध दिया। इस विशेष कोरियोग्राफर प्रस्तुति में मणिपुर का कैरोल जगोई में कलाकार ने वुडन स्टिक को लयकारी के साथ संतुलित करते हुए अनूठे अंदाज में अपनी कला का प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश का डेडिया नृत्य कार्यक्रम की मोहक प्रस्तुति बन सकी। पारंपरिक परिधान सजी संवरी बालिकाओं ने शीर्ष पर मटकी धारण कर अपने नर्तन की छाप छोड़ी। गुजरात के डांग अंचल के डांगी कलाकारों का पिरामिड दर्शकों को खूब भाया। जम्मू की बर्फीली घाटी से आये कलाकारों ने सुरीले गायन के साथ अपने नृत्य से दर्शकों को लुभाया। कार्यक्रम में दर्शकों को सर्वाधिक आनन्द असम के बिहू नृत्य की प्रस्तुति पर आया। ढोलक की थाप पर नर्तकियों ने अपने लावण्या पूर्ण नृत्य से दर्शकों को सम्मोहित सा कर दिया। प्रस्तुति के आखिर में सभी लोक वाद्य वादक कलाकारों तथा नर्तकों ने एक साथ नृत्य कर देश की संस्कृति की अनूठी झलक प्रस्तुत की जिस पर दर्शक झूम उठे।