जयपुर। राजस्थान विधान सभा नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने राज्य के चिकित्सा मंत्री डा रघु शर्मा एवं कांग्रेस के पदाधिकारियो द्वारा वैक्सीन पर दिये बयान को भ्रामक बताते हुए कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने स्पष्ट कर दिया था कि 50 प्रतिशत केन्द्र की वैक्सीन का कोटा हैं वह राज्यो के माध्यम से ही प्रदान किया जा रहा हैं और यह 50 प्रतिशत कोटा राज्यो को केन्द्र द्वारा नि:शुल्क प्रदान किया गया हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य (Health) राज्य सूची का विषय हैं। जिसमे केन्द्र राज्यो को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा हैं। यह मांग लगभग सभी राज्यो द्वारा प्राप्त हुई कि वैक्सीन वितरण प्रणाली (Vaccine Distribution Policy) को उदार (Liberalise) बनाया जावे और इसका नियंत्रण राज्यो को दिया जावे। इसी के तहत केन्द्र आगे बढ रहा हैं और 50 प्रतिशत प्रक्योरमेंट का अधिकार राज्यो को दिया गया। शेष 50 प्रतिशत केन्द्र का कोटा राज्यो को नि:शुल्क दिया जा रहा हैं।
कटारिया ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले लगभग सभी राज्यो ने स्वयं वैक्सीन खरीदने की अनुमति मांगी थी जबकि कई आज इसको लेकर अब बेवजह मुद्दा बना रहे हैं।
कटारिया ने बताया कि 24 फरवरी 2021 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वैक्सीन खरीददारी पर स्वायत्ता प्रदान करने की मांग की थी और कहा था कि वैक्सीन खरीददारी का अधिकार राज्यो को दिया जावे, वैक्सीन खरीद प्रक्रिया मे राज्यो को 50 प्रतिशत वैक्सीन केन्द्र द्वारा नि:शुल्क प्रदान की जा रही है, शेष 50 प्रतिशत राज्यो की मांग पर ही राज्यो को स्वयं खरीदने की प्रक्रिया की अनुमति प्रदान की गई हैं।
कटारिया ने बताया कि यह प्रसन्नता का विषय है कि बहुत से राज्य जैसे असम, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, झारखण्ड, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ, हरियाणा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आध्रंप्रदेश आदि ने 18 से 44 वर्ष के लोगो का नि:शुल्क वैक्सीन करने का निर्णय लिया। वैक्सीन खरीद की नई उदारीकरण नीति के तहत राज्यो को ऐसा करने की पूर्ण स्वतंत्रता हैं। राजस्थान उन्ही मे से एक हैं।
कटारिया ने राज्य के चिकित्सा मंत्री श्री रघु शर्मा के बयान को जिसमें उन्होने अपनी ही सरकार की वैक्सीन खरीदने की पोल खोल कर रख दी। राजस्थान को 7.5 करोड वैक्सीन जैसा मुख्यमंत्री/मंत्रीयो की घोषणा से स्पष्ट है, आवश्यकता है तथा इसके लिये उन्होने 3000 करोड रूपये की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री तथा मंत्रीयो द्वारा की गई घोषणा का राजस्थान की जनता व जनप्रतिनिधियो ने स्वागत किया, सरकार ने प्रत्येक विधायक के फण्ड से 3 करोड रूपया अपने-अपने क्षेत्र मे वैक्सीनेशन हेतु इस प्रकार कुल 600 करोड रूपये प्राप्त कर लिया। अब राज्य के चिकित्सा मंत्री का यह कहना कि हमने वैक्सीन खरीदने के लिये 38 करोड 58 लाख के लगभग सीरम इन्स्ट्रीट्यूट व 12 करोड 07 लाख के लगभग भारत बायोटेक को दिये हैं उसके बाद भी पर्याप्त मात्रा मे वैक्सीन उपलब्ध नही हो रही हैं। वैक्सीन खरीदने के लिये यह कुल राशि 3000 करोड का मात्र 1.6% के लगभग हैं। यह आंकडे अपने आप ही वैक्सीन के बारे मे राज्य सरकार की सोच को दर्शाते है और यह एक शर्मनाक उदाहरण भी है। उसके बाद भी राज्य के मंत्री तथा पार्टी के नेता जिस प्रकार की बयान बाजी कर रहे हैं वह किसी भी स्तर पर उचित नहीं ठहराया जा सकता। जिन राज्यो ने वैक्सीन खरीदने हेतु पहले राशि उपलब्ध करा दी तो कम्पनी उन्हे पहले वैक्सीन उपलब्ध करायेगी। श्री कटारिया ने कहा कि अब चिल्लाने से क्या लाभ हैं।
कटारिया ने बताया कि अब राज्य सरकार 18-44 आयु वर्ग के लोगो को नि:शुल्क टीकाकरण हेतु अधिक राशि वैक्सीन निर्माता कम्पनियो को उपलब्ध करावे ताकि जो अभियान 01 मई से 18-44 आयु वर्ग के लोगो के वैक्सीनेशन करने हेतु प्रारम्भ किया गया हैं उसे तेज गति से पूरा किया जा सके ।
श्री कटारिया ने कहा कि केन्द्र सरकार से राजस्थान को 50 प्रतिशत नि:शुल्क वैक्सीन 1 करोड 52 लाख मिल चुकी हैं जो सम्पूर्ण भारत मे मिली 18 करोड वैक्सीन का 9 प्रतिशत के लगभग हैं। उसके बाद भी वैक्सीन को लेकर राज्य के मंत्री एवं कांग्रेस के पदाधिकारी लगातार अनावश्यक बयान बाजी कर रहे हैं जो उचित नही हैं।