उदयपुर। अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए देशभर में चल रहे निधि समर्पण महाभियान के तहत उदयपुर जिले में भी कार्यकर्ता सुबह-दोपहर-शाम, तीन पारियों में रामजी के काम में जुटे हुए हैं। किसी ने एक दिन, किसी ने दो तो किसी ने तीन-तीन दिन रामजी के काज में समर्पित करने का संकल्प लिया है और वे द्वार-द्वार जाकर परिवारों से श्रद्धानुसार निधि समर्पण का आग्रह कर रहे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण अभियान के मकर संक्रांति से शुरू होकर 30 जनवरी तक चले पहले चरण के बाद 31 जनवरी से महाभियान शुरू हो चुका है। युवा-बुजुर्ग-मातृशक्ति की टोलियां अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर पहुंच रही हैं। पहले अभियान में जागरण पत्रक घर-घर पहुंचाए गए थे। अब महाभियान में घर-घर पहुंचकर श्रद्धानुसार निधि समर्पण करने का आग्रह किया जा रहा है। हर परिवार अपनी श्रद्धानुसार निधि का समर्पण कर रहे हैं।
महाभियान के तहत निधि समर्पण समिति की टोलियां उदयपुर जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिल रही हैं और उनसे भी भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए निधि समर्पण का आग्रह किया जा रहा है। टोली में शामिल पूर्व कुलपति प्रो. बीएल चैधरी, पूर्व कुलपति डाॅ. उमाशंकर शर्मा, पूर्व कुलपति डाॅ. कैलाश सोडाणी आदि ने अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला कलक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीएम आदि अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें मंदिर निर्माण की भव्यता के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए निधि समर्पण का आग्रह किया।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण अभियान के उदयपुर महानगर प्रमुख अशोक प्रजापत ने बताया कि जय श्रीराम के जयघोष के साथ कहीं कार्यकर्ताओं की टोलियां सुबह निकल रही हैं, तो कहीं दोपहर के वक्त कार्यकर्ता द्वार-द्वार जा रहे हैं। यही क्रम शाम को भी हो रहा है। खास बात यह है कि कार्यकर्ताओं की टोलियों के साथ कई समाजसेवी, बुजुर्ग, युवा स्वप्रेरणा से ही उन टोलियों के साथ सम्मिलित होकर रामजी के काज में सहयोग कर रहे हैं। कई कार्यकर्ता ऐसे हैं जिन्होंने पूरा दिन महाभियान को समर्पित किया है। किसी ने एक दिन तो किसी ने एकाधिक दिन समय समर्पण का संकल्प लिया है। युवाओं की टोलियां रामजी का जयकारा लगाते हुए सुदूर ढाणियों में भी पहुंच रही हैं।
महाभियान के तहत कार्यकर्ता घर-घर 10 रुपये, 100 रुपये व 1000 रुपये के कूपन लेकर पहुंच रहे हैं। जिस परिवार की जैसी श्रद्धा है, वे वैसा समर्पण सहयोग कर रहे हैं। दो हजार से अधिक की राशि पर 80-जी की छूट है। साथ ही, नकद समर्पण 20 हजार रुपये तक का ही प्राप्त किया जा रहा है। इससे अधिक के समर्पण के लिए चेक ही स्वीकार्य हैं।
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